Indian National Congress: विधानसभा (Assembly Election) के बाद लोकसभा (Loksabha) में भी छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में कांग्रेस (Congress) को मिली करारी हार के बाद अब पार्टी अब इसका कारण तलाशने में जुट गई है. दरअसल, पार्टी ये जानना जाहती है कि आखिर छत्तीसगढ़ में लोकसभा चुनाव (Lok Sabha Election) में कांग्रेस की करारी हार की क्या वजह रही? पार्टी में गुटबाजी थी, या फिर सरकार से नाराजगी या फिर कांग्रेस के किस नेता ने पार्टी को कितना नुकसान पहुंचाया है. ये सब जानने के लिए पार्टी आलाकमान ने कर्नाटक के पूर्व सीएम वीरप्पा मोइली की अध्यक्षता में एक फैक्ट फाइंडिंग कमेटी बनाई है. ये कमिटी छत्तीसगढ़ के नेताओं से चर्चा कर अपनी रिपोर्ट तैयार कर रही है. रिपोर्ट को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष को सौंपा जाना है. कांग्रेस सूत्रों की मानें तो फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने कांग्रेस के स्थानीय नेताओं ने खुलकर भड़ास निकाली है.
छत्तीसगढ़ में कांग्रेस की सरकार जाने के बाद कांग्रेस के अंदर गुटबाजी और अंदरूनी कलह की खबरें आम हो चुकी है. लिहाजा, लोकसभा चुनाव की हार की समीक्षा करने पहुंची फ़ैक्त फाइंडिंग समिति के सामने कांग्रेस के नेताओं ने सत्ता और संगठन पर जमकर भड़ास निकाली. रायपुर लोकसभा समेत सभी हारी हुई सीट पर भितरघात की प्रत्याशियों ने शिकायत की. नेताओं ने सरकार में कार्यकर्ताओं की उपेक्षा की भी शिकायत की. हालांकि, इस पर कांग्रेस की ओर से सफाई देते हुए कांग्रेस महासचिव मलकीत सिंह गैदू ने कहा कि परिवार है, शिकायतें तो रहेंगी ही.
फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने आई ये शिकायत
सूत्रों के मुताबिक फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने नेताओं ने शिकायत की कि भूपेश सरकार में कार्यकर्ताओं को तवज्जो नहीं दी गई और सरकार एक सिंडिकेट की तरह चलाई गई. बताया जाता है कि बिलासपुर के एक नेता ने तो यहां तक कहा कि रायपुर जेल में जाकर देखिए, सरकार में किसकी चलती थी. लोकसभा चुनाव में एक जिले से तीन प्रत्याशी बना दिया, जबकि स्थानीय को मौका मिलता, तो रिजल्ट बेहतर आते. उन्होंने कहा कि कार्यकर्ताओं के जमीन पर मेहनत से सरकार बनी थी, पर सरकार आने पर उसे ही किनारे कर दिया गया.
भाजपा ने ली चुटकी
फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने नेताओं की कथित शिकायत पर भाजपा ने चुटकी ली. बीजेपी प्रवक्ता राजीव चक्रवर्ती ने कांग्रेस की अंदरूनी कलह पर बीजेपी का कहना है कि ये कांग्रेस जब सत्ता में रहती है, तब कार्यकर्ता को भूल जाती गई. इसलिए सिर फुटव्वल तो होगा ही.
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इस बीच नेताओं का ये भी कहना है कि प्रदेश के नेताओं ने तो फैक्ट फाइंडिंग समिति के सामने हार के कारण तो बता रहे हैं, लेकिन कांग्रेस नेताओं के मन में सवाल तो ये है, क्या उनकी शिकायत पर कोई अमल होगा या सिर्फ़ खानापूर्ति रहेगी.
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