Chhattisgarh Chief Minsiter Vishnu Deo Sai Interview : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय (Vishnu Deo Sai) का कहना है कि उनकी सरकार इस पर सहमत नहीं है कि औद्योगीकरण और खनन नहीं होना चाहिए, बल्कि ये गतिविधियां विकास और रोजगार के लिए महत्वपूर्ण हैं. साय ने कहा कि उनकी सरकार राज्य (Chhattisgarh Government) के जैव-विविधता (Bio-diversity) से समृद्ध सरगुजा क्षेत्र के संबंध में खनन गतिविधियों के फायदे और नुकसान का विश्लेषण करने के बाद उचित कदम उठाएगी. ‘पीटीआई-भाषा' (PTI Bhasha) को दिए एक साक्षात्कार में छत्तीसगढ़ के सीएम यह भी दावा किया कि राज्य में सरकार बदलने के बाद नक्सली हताश हो गए हैं और डबल इंजन वाली सरकार (Double Engine Government) इस समस्या से मजबूती से लड़ेगी और इसे खत्म करेगी.
सरगुजा से आते हैं साय
भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्य में हुए विधानसभा चुनाव में कांग्रेस (Congress) को हराकर पांच साल बाद सत्ता में वापस आई है. प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के प्रमुख आदिवासी चेहरे साय ने पिछले सप्ताह 13 दिसंबर को मुख्यमंत्री पद की शपथ ली थी.
मुख्यमंत्री साय ने कहा, ‘‘सरगुजा संभाग में पर्यटन की अपार संभावना है, वह क्षेत्र वनों से आच्छादित है, यहां जलप्रपात भी बहुत हैं. मुख्यमंत्री होने के नाते हमारा प्रयास होगा कि इस क्षेत्र में पर्यटन (Tourism) को बढ़ावा मिले. जब खनन होता है और उद्योग खुलते हैं तो लाभ के साथ हानि भी होती है, प्रदूषण भी होता है. इसलिए हर मामले पर गुण-दोष के आधार पर विचार करने के बाद उचित कदम उठाए जाएंगे.''
नक्सली कहते थे कि उनकी सरकार आ गई
राज्य में नक्सलवाद की समस्या को लेकर सरकार के रुख के बारे में पूछे गए सवाल पर साय ने कहा, ‘‘जब राज्य में 15 वर्षों (2003 से 2018) तक भाजपा की सरकार थी तब हम कड़ाई से नक्सलवाद से लड़े लेकिन जब सरकार बदली तब उनको (माओवादियों) बढ़ावा मिला. नक्सली कहते थे कि उनकी सरकार आ गई है.'' बता दें कि यह राज्य, विशेष रूप से दक्षिण में बस्तर क्षेत्र तीन दशक से अधिक समय से वामपंथी उग्रवाद से जूझ रहा है.
पिछले महीने राज्य में चुनाव प्रचार के दौरान केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि यदि भाजपा राज्य में सत्ता में आती है तो अगले पांच वर्षों में छत्तीसगढ़ से नक्सलवाद को खत्म कर दिया जाएगा.
कांग्रेस सरकार पर धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप
आदिवासी नेता साय ने कांग्रेस पर उसके शासनकाल (2018-23) के दौरान धर्मांतरण को बढ़ावा देने का आरोप भी लगाया और कहा कि नई सरकार ऐसी गतिविधियों पर प्रभावी रोक लगाने के लिए कदम उठाएगी. उन्होंने कहा, ‘‘पिछली सरकार के कार्यकाल के दौरान धर्मांतरण जोरों पर हुआ. शिकायतकर्ता के खिलाफ ही कार्रवाई होती थी. मैं स्पष्ट रूप से कह सकता हूं कि कांग्रेस पार्टी अपना वोट बैंक बढ़ाने के लिए धर्मांतरण को बढ़ावा देते रही, क्योंकि जो धर्मांतरित हो जाता है वह भारतीय जनता पार्टी से अलग हो जाता है. लेकिन अब ऐसा कुछ नहीं होगा, ऐसा नहीं होने देंगे, अब धर्मांतरण पर रोक लगेगी.''
आर्थिक स्थिति पर यह बोले
राज्य की आर्थिक स्थिति और भाजपा के चुनाव पूर्व वादों को पूरा करने की चुनौतियों के बारे में पूछे जाने पर, मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘यहां की आर्थिक स्थिति खराब है.
कांग्रेस शासन में कथित भ्रष्टाचार के मामलों की जांच के भाजपा के वादे के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, ‘‘हम जरूर करेंगे. हम राज्य लोक सेवा आयोग घोटाले की जांच कराएंगे और दोषी पाए जाने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. जो भी मामले (कथित घोटालों के)हमारी जानकारी में आएंगे, उन पर कार्रवाई की जाएगी.''
दिलीप सिंह जूदेव को बताया आदर्श
यह पूछे जाने पर कि क्या भाजपा के दिग्गज नेता दिलीप सिंह जूदेव उन्हें मुख्यमंत्री के रूप में देखना चाहते थे? इस पर साय ने कहा कि जूदेव राजनीति में उनके आदर्श थे और उन्होंने उनसे विनम्रता सीखी है. कहा जाता है कि जूदेव ने साय को चुनावी राजनीति में आने के लिए प्रोत्साहित किया था. साय ने कहा, ‘‘मैंने उनके साथ 25 साल तक काम किया. इन 25 वर्षों में हमने उन्हें एक दिन भी क्रोधित होते नहीं देखा. कार्यकर्ताओं को मान-सम्मान देना और उनकी बातें सुनना उन्हीं से सीखा है.''
यह भी पढ़ें : MP News : शिवराज ने रामदास को जूते पहनाकर पूरा कराया संकल्प, जानिए क्या थी वजह?