
रायपुर: छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन की 5 सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चितकालीन हड़ताल चल रही है. इसके चलते राज्य के सरकारी अस्पताल और मेडिकल कॉलेजों में पैरा मेडिकल स्टाफ की सेवाएं ठप हैं. रुरल मेडिकल असिस्टेंट के भरोसे किसी तरह शहरी इलाकों के सरकारी अस्पतालों में काम चलाया जा रहा है, लेकिन ग्रामीण इलाकों में व्यवस्थाएं लगभग पूरी तरह से ठप पड़ चुकी हैं.
क्या हैं प्रमुख मांगें?
1- वेतन विसंगती दूर हो
2- कोरोना के समय योद्धा के रूप में किए गए काम का अतिरिक्त भत्ता
3- अवकाश के दिन कार्य का अतिरिक्त वेतन
4- आईपीएचएस सेटअप में भर्ती
5- मेडिकल स्टाफ पर हिंसा के खिलाफ तत्काल कानूनी कार्रवाई
सरकार ने नहीं किया वादा पूरा
छत्तीसगढ़ हेल्थ फेडरेशन के बैनर तले स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े 12 संगठन अनिश्चितकालीन हड़ताल में शामिल हैं. हड़तालियों का आरोप है कि कोरोना महामारी के दौरान उन्होंने योद्धा की तरह काम किया. खुद सरकार ने कोरोना के दौरान फ्रंट वारियर की भूमिका निभाने वाले स्वास्थ्य कर्मियों को अतिरिक्त भत्ता देने का वादा किया था जो अब तक पूरा नहीं हुआ.
छत्तीसगढ़ में पैरा मेडिकल स्टाफ की अनिश्चितकालीन हड़ताल ने सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्रों और अस्पतालों में मरीजों की समस्या बढ़ा दी है. अब देखना यह होगा कि हड़तालियों की मांग पर सरकार क्या फैसला लेती है.
ये भी पढ़ें: ग्वालियर : दो पक्षों के बीच झड़प, एक युवक की मौत, 2 घायल