Chhattisgarh Sanskrit Vidya Mandal Raipur: बिहार बोर्ड की 12वीं टॉपर बेबी की कहानी तो खूब सुनी होंगी, लेकिन छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडल के कारनामे जानने के बाद अब आप उसे भूल जाएंगे. दरअसल, छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडल में इतनी बड़ी गड़बड़ी कर दी है कि अब इसकी चारों ओर चर्चा हो रही है. यहां हालत ये है कि जिसने परीक्षा ही नहीं दी, वो टॉपर बन गई है. ऐसे सवाल उठ रहे हैं कि जिसने परीक्षा ही नहीं दी, आखिर वह टॉपर कैसे बन गई. छत्तीसगढ़ संस्कृत विद्या मंडल में ये बड़ी गड़बड़ी सामने आने के बाद यहां की परीक्षा प्रणाली और अधिकारियों पर सवाल उठ रहे हैं.
छत्तीसगढ़ संस्कृत शिक्षा मंडलम का बड़ा कारनामा सामने आया है. मंडल ने कक्षा दसवीं की बोर्ड परीक्षा में ऐसी छात्र को टॉपर लिस्ट में शामिल किया गया है, जिसने परीक्षा ही नहीं दी थी. गड़बड़ी सामने आने के बाद अब विभाग लीपापोती में लग गया है. अब इस टाइपिंग मिस्टेक बता कर जारी मेरिट सूची को रद्द कर दिया गया है. हालांकि, मामले में एक बड़े रैकेट के काम करने की आशंका जताई जा रही है. हमारे संवाददाता निलेश त्रिपाठी ने संस्कृत शिक्षा मंडल का जायजा लिया, तो उसकी एक-एक कर परतें सामने आने लगी.
छत्तीसगढ़ संस्कृत शिक्षामंडलम में बड़ी गड़बड़ी
- कक्षा दसवीं में 777 परीक्षार्थियों ने दी थी परीक्षा
- 15 मई को जारी किए गए थे परीक्षा परिणाम
- 98.48 प्रतिशत था कक्षा दसवीं का रिजल्ट
- 470 विद्यार्थियों ने फर्स्ट डिवीजन से पास की है परीक्षा
- जिसका परीक्षा फॉर्म हुआ था रिजेक्ट, वह बनीं टॉपर
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आपको बता दें छत्तीसगढ़ संस्कृत शिक्षा मंडलम ने 15 मई को 10वीं कक्षा के परीक्षा परिणाम जारी किए गए थे. इसके मुताबिक, कक्षा दसवीं का रिजल्ट इस बार 98.48 प्रतिशत था. इनमें से 470 विद्यार्थियों ने फर्स्ट डिवीजन से परीक्षा पास की थी. लेकिन, इस परीक्षी परिणाम में सबसे चौंकाने वाली बात ये थी कि जिसका परीक्षा फॉर्म ही छत्तीसगढ़ संस्कृत शिक्षा मंडलम ने रिजेक्ट कर दिया था, वह टॉपर कैसे बन गई.
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