
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ में मुख्यमंत्री (CM Chhattisgarh) का नाम पहले सामने आ गया था. अब कांग्रेस ने भी नेता प्रतिपक्ष के नाम से पर्दा हटा दिया है. कांग्रेस ने नेता प्रतिपक्ष की ज़िम्मेदारी पूर्व विधानसभा अध्यक्ष चरण दास महंत (Charan Das Mahant) को सौंपी है और चुनाव से तीन महीने पहले पीसीसी अध्यक्ष दीपक बैज (Deepak Baij) को बरकरार रखा है. विधानसभा चुनावों में करारी हार के बाद कांग्रेस ख़ुद को एक बार फिर 2024 के लोकसभा चुनाव में खुद को मज़बूती से खड़ा करने की कवायद में जुट गई है.
डॉ चरणदास महंत कबीरपंथ के अनुयायी हैं
बात करें नेता प्रतिपक्ष बने कांग्रेसी नेता डॉ चरणदास महंत की तो वह कबीरपंथ के अनुयायी हैं. उनको सरल- सहज व्यक्तित्व का नेता माना जाता है. डॉ चरणदास महंत की राजनीतिक पारी की शुरुआत 1980 से हुई थे. वे विधायक, एकीकृत मध्यप्रदेश में मंत्री, सांसद और केंद्रीय राज्य मंत्री तथा छत्तीसगढ़ बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष का दायित्व निभा चुके हैं.
पहले थे प्रशासनिक सेवा में
राजनीति में आने से पहले वो प्रशासनिक सेवा में थे. उन्होंने 1984 में नायब तहसीलदार का पद छोड़कर राजनीति में प्रवेश किया था. उसके बाद वह 1988 में अर्जुन सिंह सरकार में मंत्री बने थे. 1993 में दिग्विजय सिंह सरकार में पहले गृहमंत्री, फिर आबकारी और जनसंपर्क मंत्री बने. उनको 1998 में पहली बार जांजगीर सीट से लोकसभा प्रत्याशी बनाया गया जहां से उन्होंने जीत हासिल की.
2009 में मनमोहन सिंह सरकार में उनको केन्द्रीय राज्य कृषि मंत्री बनाया गया, लेकिन 2014 के लोकसभा चुनाव में उनको हार मिली. 2018 में सक्ति से विधानसभा चुनाव लड़े और सरकार बनने पर विधानसभा अध्यक्ष हैं. उन्होंने कबीर पर पीएचडी की हुई है. वो कविता और कहानियां पढ़ने के शौकीन हैं. कबीरपंथी होने के बावजूद भी वह ज्योतिष और पूजा पाठ में काफी विश्वास रखते हैं.
आदिवासी युवा नेता दीपक बैज ही सम्भालेंगे पीसीसी चीफ का पद
सदन के बाहर लड़ाई लड़ने की जवाबदेही बस्तर के युवा आदिवासी चेहरे पर बरकरार रखी गई है. दीपक बैज बेहद युवा चेहरे हैं. वे बेहद कम उम्र में विधायक और सांसद बने. छत्तीसगढ़ बनने के बाद दीपक बैज कांग्रेस के इकलौते सांसद हैं, जो सबसे कम आयु में देश की सबसे बड़ी पंचायत में कांग्रेस की आवाज़ लगातार बुलंद करते रहे हैं. पीसीसी चीफ़ की कमान उन्हें चुनाव से महज़ तीन महीने पहले मिली थी.

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इन नियुक्तियों का संदेश क्या है
नेता प्रतिपक्ष के रूप में डॉ महंत और पीसीसी चीफ़ के रूप में दीपक बैज के नाम पर मुहर लगाकर कांग्रेस आलाकमान ने साफ़ संकेत दे दिया है कि वो अब कुछ नए तरह से सोच रही है. पांच बरसों तक प्रदेश में सत्ता के इकलौते केंद्र रहे भूपेश बघेल जिन्होंने ढाई बरस के मसले पर विधायकों की परेड दिल्ली में करा कर आलाकमान को 'ताक़त' दिखाई, उन्हें ना पीसीसी चीफ़ और ना ही नेता प्रतिपक्ष बनाया गया है.