Chhattisgarh Assembly Election 2023: छत्तीसगढ़ में सत्तारूढ़ कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से नाराज पार्टी के विधायक चिंतामणि महाराज (Congress MLA Chintamani Maharaj) ने मंगलवार को भाजपा का दामन (Chintamani Maharaj joins BJP) थाम लिया. सरगुजा जिले के मुख्यालय अंबिकापुर में एक समारोह के दौरान भारतीय जनता पार्टी (BJP) के छत्तीसगढ़ प्रभारी ओम माथुर (BJP Chhattisgarh in-charge Om Mathur) और प्रदेश इकाई के संगठन महामंत्री पवन साय (Pawan Sai) की उपस्थिति में महाराज आज मंगलवार को भाजपा में शामिल हो गए.
चिंतामणि महाराज की हुई घर वापसी
चिंतामणि महाराज (Samri MLA Chintamani Maharaj) कांग्रेस के तीसरे विधायक हैं जिन्होंने विधानसभा चुनाव में टिकट नहीं मिलने के बाद बागी तेवर अपनाए हैं. इस दौरान ओम माथुर ने संवाददाताओं से कहा, ''यह चिंतामणि महाराज की घर वापसी है. पूर्व में कोई कारण रहा होगा, इसलिए उन्होंने भाजपा छोड़ दिया था. आज हमें बहुत खुशी है कि क्षेत्र में पार्टी को स्थापित करने वाला हमारा पूर्व कार्यकर्ता पार्टी में वापस लौट आया है. पूरी पार्टी उनका स्वागत करती है.'' बता दें कि चिंतामणि महाराज पहले भाजपा में थे. 2013 के विधानसभा चुनाव से पहले वह कांग्रेस में शामिल हो गए थे.
महाराज को लोकसभा चुनाव में उतार सकती है बीजेपी
महाराज को लोकसभा चुनाव में मैदान में उतारने के सवाल पर ओम माथुर ने कहा कि इसके लिए इंतजार करें. महाराज वर्तमान में बलरामपुर जिले की सामरी सीट का प्रतिनिधित्व करते हैं. कांग्रेस ने इस बार विजय पैकरा को चुनावी मैदान में उतारा है. भाजपा ने इस सीट से उधेश्वरी पैकरा को अपना उम्मीदवार बनाया है जो बलरामपुर जिला पंचायत की सदस्य हैं.
कांग्रेस के टिकट पर महाराज ने जीते दो चुनाव
महाराज ने कांग्रेस के टिकट पर लुंड्रा सीट से 2013 का विधानसभा चुनाव लड़ा था और पहली बार विधायक चुने गए थे. वर्ष 2018 के चुनाव में कांग्रेस ने महाराज को सामरी सीट से मैदान में उतारा था जहां उन्होंने भाजपा के सिद्धनाथ पैकरा को 21,923 मतों के अंतर से हराया था. पिछले सप्ताह भाजपा के वरिष्ठ विधायक बृजमोहन अग्रवाल और पूर्व प्रदेश अध्यक्ष विष्णु देव साय ने सामरी क्षेत्र में एक धार्मिक कार्यक्रम के दौरान महाराज से मुलाकात की थी. बैठक के बाद महाराज ने पत्रकारों से कहा था कि यदि उन्हें अंबिकापुर सीट से कांग्रेस के उम्मीदवार और उपमुख्यमंत्री टीएस सिंह देव के खिलाफ मैदान में उतारा जाता है तो वह भाजपा में शामिल हो सकते हैं.
महाराज ने अंबिकापुर सीट से चुनाव लड़ने की रखी थी शर्त
महाराज ने यह भी कहा था कि भाजपा उन्हें अगले साल होने वाले लोकसभा चुनाव में उतारने के लिए तैयार है, लेकिन उन्होंने अंबिकापुर से अगला विधानसभा चुनाव लड़ने की शर्त रखी है. अंबिकापुर सीट से भाजपा ने नए चेहरे राजेश अग्रवाल को मैदान में उतारा है. महाराज प्रमुख सामाजिक कार्यकर्ता और संत स्वर्गीय रामेश्वर गहिरा गुरु के पुत्र हैं. गहिरा गुरु का उत्तर छत्तीसगढ़ में विशेषकर आदिवासियों के बीच काफी प्रभाव था.
इससे पहले कांग्रेस के 2 विधायकों ने अपनाए बागी तेवर
कांग्रेस से टिकट नहीं मिलने से दो अन्य विधायकों-अनूप नाग और किस्मत लाल नंद ने भी बागी तेवर अपनाए हैं. नाग के अंतागढ़ सीट से निर्दलीय चुनाव लड़ने के फैसले के बाद कांग्रेस ने उन्हें छह साल के लिए पार्टी से निष्कासित कर दिया है. वहीं, नंद जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में शामिल हो गए हैं और अपनी मौजूदा सीट सरायपाली से चुनाव लड़ रहे हैं.