नक्सलियों के आत्मसमर्पण पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से खुशी जाहिर की . उन्होंने सोशल साइट एक्स पर लिखा कि छत्तीसगढ़ सरकार की आत्मसमर्पण और पुनर्वास नीति 2025 और नियद नेल्ला नार योजना ने माओवाद की हिंसक विचारधारा में लिप्त युवाओं में नया विश्वास जगाया है. हिंसा का रास्ता छोड़कर वे अब मुख्यधारा में लौट रहे हैं.
'बस्तर से मिट रहा है भय और हिंसा का अंधकार'
यह कदम इस बात का प्रमाण है कि बस्तर अब भय और हिंसा के अंधकार को मिटाते हुए शांति और प्रगति के नए युग में प्रवेश कर रहा है. शासन की संवेदनशील नीतियों और मानवीय दृष्टिकोण ने यह साबित कर दिया है कि संवाद ही इस समस्या का स्थाई समाधान है. उन्होंने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के मार्गदर्शन में देश अब नक्सल मुक्त भारत के लक्ष्य की ओर तेजी से अग्रसर है.
दरअसल, उत्तर बस्तर में सक्रिय रहे 21 माओवादियों ने 18 हथियारों के साथ पुलिस के सामने आत्मसमर्पण किया था. अब इन सभी नक्सलियों का बुधवार को यहां कॉलेज में आयोजित कार्यक्रम में रेड कारपेट पर स्वागत किया गया. इस मौके पर आत्मसमर्पण करने वाले नक्सलियों को बस्तर आईजी ने संविधान की प्रति सौंपकर मुख्यधारा में उनका स्वागत किया.
सुरक्षाबलों की चेतावनी से बदले हालात
नक्सलवाद के खात्मे को लेकर जारी अभियान के बीच इस माह पुलिस ने अपनी रणनीति बदली और एनकाउंटर की जगह समर्पण को प्राथमिकता देते हुए नक्सलियों को साफ संदेश दिया गया था कि वो यदि आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने को तैयार हैं, तो उनका स्वागत किया जाएगा. इसके साथ ही ये चेतावनी भी दी गई कि वो ऐसा नहीं करेंगे, तो उनसे फोर्स निपटने को तैयार बैठी है. इसी का असर है कि अक्टूबर महीने में 208 नक्सलियों ने 109 हथियारों के साथ जगदलपुर में सरेंडर कर दिया. इसके बाद कांकेर जिले के दो एरिया कमेटी ने एक साथ हथियार डाल दिए, जिसमें 21 नक्सलियों ने 18 हथियार पुलिस को सौंप दिए.
'हाशिए पर पहुंचा नक्सलवाद'
बस्तर आईजी पी. सुंदरराज ने कहा कि एक समय था, जब नक्सलियों के पोलित ब्यूरो और सेंट्रल कमेटी में 45 सदस्य हुआ करते थे, लेकिन 2025 की शुरुआत में इनकी संख्या घटकर 18 रह गई थी और 2025 का अंत आते-आते महज 6 से 7 सेंट्रल कमेटी और पोलित ब्यूरो मेंबर शेष बचे हैं, जो दक्षिण बस्तर के जंगलों में छिपे हुए हैं.
ये भी पढ़ें- छत्तीसगढ़ में आज फिर नक्सलियों का होगा बड़ा सरेंडर, कांकेर में पुलिस अफसरों के सामने डालेंगे हथियार
आईजी ने कहा कि हम दक्षिण बस्तर में छिपे नक्सलियों से भी हथियार डालकर मुख्यधारा में लौटने की अपील कर रहे हैं. अगर वे अपील ठुकराते हैं, तो उन्हें चेतावनी भी दे रहे हैं कि अब भी समय है, वे सरेंडर कर दें. वरना बस्तर में तैनात डीआरजी समेत तमाम सुरक्षाबल के जवान उनसे निपटने के लिए तैयार बैठे हैं.
ये भी पढ़ें- DMF घोटाला... ACB और EOW ने प्रदेश के 12 जगहों पर मारा छापा, ठेकेदार, व्यापारियों के ठिकानों पर चल रही है जांच