नक्सली हिंसा से ग्रस्त छत्तीसगढ़ सरकार ने राज्य सभी तरह की हिंसक घटनाओं जैसे आतंकवाद, नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवाद से निपटने के लिए एनआईए की तर्ज पर स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (SIA) के गठन का ऐलान किया है. मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में बुधवार को मंत्रालय महानदी भवन में मंत्रिपरिषद की बैठक में फैसला लिया गया.
कैबिनेट की बैठक के बाद मुख्यमंत्री ने सोशल मीडिया साइट एक्स पर लिखा कि कैबिनेट की बैठक में हमने छत्तीसगढ़ राज्य में आतंकवाद, नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवाद जैसे विशेष मामलों में त्वरित और प्रभावी जांच और अभियोजन के लिए राज्य इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एस.आई.ए.) के गठन का निर्णय लिया है. उन्होंने आगे लिखा कि यह एजेंसी, राष्ट्रीय इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (एनआईए) के साथ समन्वय के लिए राज्य के नोडल एजेंसी के रूप में काम करेगी.
"स्टेट इन्वेस्टिगेशन एजेंसी (S.I.A.) का होगा गठन"
— Vishnu Deo Sai (Modi Ka Parivar) (@vishnudsai) March 6, 2024
कैबिनेट की बैठक में हमने छत्तीसगढ़ राज्य में आतंकवाद, नक्सलवाद, वामपंथी उग्रवाद जैसे विशेष मामलों, प्रकरणों में त्वरित एवं प्रभावी अनुसंधान एवं अभियोजन के लिए राज्य इनवेस्टिगेशन एजेंसी (एस.आई.ए.) के गठन का निर्णय लिया है।
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कैबिनेट बैठक में लिए गए ये अहम फैसले
कैबिनेट की बैठक में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की एक और गारंटी को पूरा करते हुए राज्य के किसानों के हित में एक बड़ा फैसला लेते हुए खरीफ फसल 2023-24 के लिए 'कृषक उन्नति योजना' को लागू करने का निर्णय लिया गया.
इसके तहत राज्य के किसानों की आय, फसल उत्पादन एवं उत्पादकता को बढ़ाने तथा फसल की लागत में कमी की जाएगी. विकेन्द्रीकृत चावल उपार्जन के लिए भारत सरकार से हुए एमओयू को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार कृषक उन्नति योजना शुरू की जा रही है. इसके लिए मंत्रिपरिषद की ओर से यह निर्णय लिया गया कि कृषक उन्नति योजना के क्रियान्वयन संबंधी प्रस्ताव के अनुसार खरीफ वर्ष 2023 में धान की खरीदी के आधार पर किसानों को प्रति एकड़ 19,257 रुपए के मान से आदान सहायता राशि प्रदाय की जाएगी. फिर इसके मुताबिक अनुषांगिक कार्यवाही करने हेतु विभाग को अधिकृत किया जाएगा.
मीसाबंदियों की सम्मान निधि पर भी लगी मुहर
मंत्रिपरिषद की बैठक में लोकतंत्र सेनानियों (मीसा बंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का महत्वपूर्ण निर्णय लिया गया. प्रदेश में 2018 की स्थिति में 430 लोकतंत्र सेनानियों/आश्रितों को प्रतिवर्ष करीब 9 करोड़ रूपए की सम्मान राशि प्रदान की जाती थी.
आपातकाल के दौरान एक माह से कम अवधि तक जेल की सजा काटने वालों को 8 हजार रुपए प्रतिमाह, एक से 5 माह तक जेल काटने वालों को 15 हजार रुपए प्रतिमाह तथा पांच माह और इससे अधिक जेल काटने वालों को 25 हजार रुपए प्रतिमाह दिया जाएगा. आपको बता दें कि छत्तीसगढ़ में भाजपा की पिछली रमन सरकार ने भारत में घोषित आपातकाल के दौरान छत्तीसगढ़ के राजनैतिक या सामाजिक कारणों से मीसा/डीआईआर के अधीन निरूद्ध व्यक्तियों को सम्मान राशि प्रदान करने के लिए लोकनायक जयप्रकाश नारायण सम्मान निधि नियम-2008 बनाया गया था. जिसे सामान्य प्रशासन विभाग द्वारा 23 जनवरी 2020 और 29 जुलाई 2020 को अधिसूचना जारी कर कांग्रेस सरकार ने निरस्त कर दिया गया था.
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मंत्रिपरिषद की बैठक में माननीय उच्च न्यायालय द्वारा 26 मई 2020 को पारित आदेश के परिपालन में उपरोक्त दोनों अधिसूचनाओं को निरस्त करते हुए लोकतंत्र सेनानियों (मीसा बंदियों) की सम्मान निधि को फिर से प्रारंभ करने और बकाया राशि प्रदान करने का निर्णय लिया गया है. यानी अब पहले की तरह ही मीसा बंदियों को प्रतिमाह सम्मान राशि पुनः प्रारंभ की जाएगी. इसके साथ ही सम्मान राशि बंद होने से लेकर पुनः प्रारंभ होने तक की अवधि की एरियर्स राशि एक नवम्बर 2024 को प्रदान करने का निर्णय लिया गया.
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