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CGPSC Scam 2021: सीजीपीएससी 2021 घोटाला मामले में बड़ा खुलासा, परीक्षा से पहले तीनों सेट के पर्चे हुए थे लीक 

Chhattisgarh PSC Scam 2021: परिणाम जारी होने के बाद टॉप 20 चयनित अभ्यर्थियों में से 17 ऐसे थे, जो किसी अधिकारी, नेता या व्यावसायी के बेटे, बेटी, बहू, भतीजे या अन्य रिश्तेदार थे.

CGPSC Scam 2021: सीजीपीएससी 2021 घोटाला मामले में बड़ा खुलासा, परीक्षा से पहले तीनों सेट के पर्चे हुए थे लीक 

PSC 2021 Scam in Chhattisgarh: सीजीपीएससी 2021 परीक्षा घोटाला मामले में बड़ा खुलासा हुआ है. CGPSC परीक्षा से पहले ही तीनों सेट के पर्चे लीक कर दिए गए थे और जिनके साथ सेटिंग थी, उन्हें पहले ही पर्चे मिल गए थे. यह खुलासा कारोबारी श्रवण कुमार गोयल के बेटे और बहू के गिरफ्तार होने के बाद हुआ है. खुलासे के मुताबिक, शशांक गोयल और भूमिका कटिहार ने खुद टामन सिंह सोनवानी को रुपये पहुंचाये थे. वहीं यूपी परीक्षा नियंत्रक ने पर्चे को पहले ही लीक कर दिए थे.

दो दिनों में पांच लोगों को गिरफ्तारी

CGPSC घोटाला मामले में सीबीआई ने बीते दो दिनों में पांच लोगों को गिरफ्तार किया है. सीबीआई ने पूर्व अध्यक्ष टामन सिंह सोनवानी के भतीजे साहिल सोनवानी, डिप्टी कलेक्टर पद पर चयनित शशांक गोयल और भूमिका कटियार को गिरफ्तार किया है. CBI ने पूछताछ के बाद तीनों आरोपियों को रायपुर कोर्ट में पेश किया.

टामन और श्रवण पहले से जेल में हैं बंद

हालांकि इससे पहले टामन सिंह सोनवानी के बेटे नीतेश सोनवानी और तत्कालीन डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गणवीर को गिरफ्तार कर कोर्ट में पेश किया गया था. कोर्ट ने ये दोनों को 13 जनवरी तक CBI को रिमांड पर सौंपा दिया है. वहीं टामन सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल पहले से ही जेल में बंद हैं. 

171 पदों के लिए भर्ती परीक्षा आयोजित हुई थी

सीजीपीएससी परीक्षा का नोटिफिकेशन साल 2021 में जारी किया था. भर्ती के लिए कुल 171 पद थे. परीक्षा का प्री एग्जाम 13 फरवरी, 2022 को कराया गया था, जिसमें कुल 2 हजार 565 पास हुए थे. इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को मेंस परीक्षा कराई गई. इस परीक्षा में कुल 509 अभ्यर्थी पास हुए थे, जिन्हें इंटरव्यू के लिए बुलाया गया. इसके बाद 11 मई 2023 को परीक्षा का फाइनल रिजल्ट जारी हुआ. इस रिजल्ट के मुताबिक, 170 अभ्यर्थियों का सिलेक्शन हुआ था.

जानें सीजीपीएससी 2021 घोटाला मामला

रिजल्ट जारी होने के बाद टॉप 20 चयनितों में से 17 ऐसे थे, जो किसी अधिकारी, नेता या व्यावसायी के बेटे, बेटी, बहू, भतीजे या अन्य रिश्तेदार थे. इसको लेकर अभ्यार्थियों ने भारी विरोध किया. परीक्षा में पारदर्शिता पर सवाल उठाए गए. आरोप लगे कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने भर्ती के नियमों को दरकिनार कर अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है. भ्रष्टाचार के भी गंभीर आरोप लगे. 

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