
PWD Exam For Civil Engg: बिलासपुर (Bilaspur) में लोक निर्माण विभाग (PWD) की उप अभियंता भर्ती परीक्षा में एक महिला परीक्षार्थी के हाईटेक उपकरणों की मदद से नकल करने का मामला सामने आने के बाद प्रदेश की राजनीति गरमा गई है. यह परीक्षा 13 जुलाई 2025 को सुबह 10:00 से दोपहर 12:15 बजे तक सरकंडा स्थित शासकीय रामदुलारे बालक उच्चतर माध्यमिक विद्यालय में आयोजित की गई थी.
मामले में चौंकाने वाला पहलू तब सामने आया, जब एक महिला परीक्षार्थी ने माइक्रो कैमरा, कॉलर माइक, ईयर पीस और वॉकी-टॉकी जैसे उपकरणों की मदद से प्रश्न पत्र स्कैन कर बाहर बैठी अपनी सहयोगी को भेजा. इसके बाद वहां उत्तर हासिल कर पेपर देती रहीं. ये पूरा मामला किसी जासूसी फिल्म के दृश्य से कम नहीं मालूम पड़ता है.
PWD Deputy Engineer Recruitment Exam Nakal Case: एनएसयूआई का प्रदर्शन और विरोध
इस खुलासे के बाद एनएसयूआई ने राज्य सरकार की परीक्षा तंत्र की नाकामी का आरोप लगाते हुए सख्त कार्रवाई की मांग शुरू कर दी है. इसी कड़ी में धमतरी जिले में एनएसयूआई के कार्यकर्ताओं ने मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का पुतला दहन कर विरोध जताया.
पुलिस के साथ जमकर हुई झूमाझटकी
प्रदर्शन के दौरान जब सिविल ड्रेस में पुलिसकर्मी कांग्रेस भवन पहुंची और पुतला छीनने की कोशिश की, तो एनएसयूआई कार्यकर्ता उग्र हो गए. वे दौड़ते हुए कोतवाली थाना पहुंचे और पुलिस के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस दौरान दोनों पक्षों के बीच झूमाझटकी हुई और कुछ कार्यकर्ता व सुरक्षाकर्मी चोटिल हो गए.
एनएसयूआई ने की सीबीआई जांच की मांग
धमतरी एनएसयूआई के जिला अध्यक्ष राजा देवांगन ने कहा कि प्रदेश में भर्ती प्रक्रिया मज़ाक बन चुकी है. 14 हजार से अधिक छात्र परीक्षा देने पहुंचे थे, लेकिन एक ऑटो में बैठी युवती हाईटेक नकल करा रही थी. यह सिस्टम पर तमाचा है. उन्होंने मांग की है कि इस पूरे मामले की सीबीआई जांच कराई जाए और परीक्षा को तत्काल प्रभाव से रद्द किया जाए, ताकि दोषियों की पहचान हो सके और पढ़ाई कर परीक्षा देने वाले विद्यार्थियों के भविष्य से खिलवाड़ न हो.
पुलिस की सफाई और कार्रवाई की चेतावनी
वहीं, इस पूरे घटनाक्रम पर डीएसपी मोनिका मरावी ने कहा कि कोतवाली थाने के भीतर एनएसयूआई कार्यकर्ताओं की ओर से किए गए बवाल में पुलिसकर्मियों को चोटें आई हैं, एक महिला सुरक्षाकर्मी की वर्दी भी खींची गई है. उन्होंने कहा कि नियमों के तहत दोषियों पर कार्रवाई की जाएगी.
कांग्रेस और एनएसयूआई ने अपनाया कड़ा रुख
इसके अलावा बिलासपुर में भी सोमवार को NSUI और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने जिला कलेक्ट्रेट के सामने प्रदर्शन किया और परीक्षा को रद्द करने की मांग की. प्रदर्शनकारियों ने कहा कि इस नकल कांड ने छत्तीसगढ़ की परीक्षा प्रणाली की पोल खोल दी है. एनएसयूआई के प्रदेश महासचिव विकास सिंह ठाकुर ने चेतावनी दी कि अगर सरकार चुप रही, तो यह आंदोलन पूरे प्रदेश में उग्र रूप लेगा. इसके अलावा, छात्र नेता पुष्पराज साहू ने कहा कि इस घटना के पीछे एक संगठित गिरोह हो सकता है, जिसकी जांच बेहद ज़रूरी है.
प्रशासन की प्रतिक्रिया और जांच प्रक्रिया
वहीं, इस पूरे मामले पर बिलासपुर एसएसपी रजनेश सिंह ने कहा कि एक परीक्षार्थी और उसकी बहन को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है. चार सदस्यीय विशेष जांच टीम बनाई गई है, जो परीक्षा केंद्र में ड्यूटी कर रहे कर्मचारियों व केंद्राध्यक्ष से पूछताछ कर रही है.
अब सबकी निगाहें व्यापम की ओर से गठित जांच रिपोर्ट पर है, जिससे यह साफ होगा कि किन स्तरों पर चूक हुई और किन लोगों की मिलीभगत थी. दरअसल, बिलासपुर में PWD परीक्षा में सामने आए हाईटेक नकल कांड ने छत्तीसगढ़ में परीक्षा निगरानी प्रणाली और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर बड़ा सवाल खड़ा कर दिया है. जहां एक ओर अभ्यर्थियों का भविष्य अधर में लटक गया है. वहीं, दूसरी ओर इस घटना ने प्रदेश सरकार को भी कटघरे में खड़ा कर दिया है. ऐसे में सवाल यह है कि क्या इस बार दोषियों को सजा मिलेगी, या फिर यह मामला भी अन्य घोटालों की तरह फाइलों में दफन होकर रह जाएगा?