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 'मनपसंद ऐप' को लेकर सियासत तेज, नेता प्रतिपक्ष ने BJP पर बोला हमला, कहा- इन्होंने हद कर दी...

CG Politics : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) में 'मनपसंद ऐप' (Manpasand App)  को लेकर सियासत गर्म है. कोरिया में नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत ने इस ऐप के बहाने विष्णु देव सरकार पर हमला बोला. तो, वहीं बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास ने महंत के बयान पर पलटवार किया.

 'मनपसंद ऐप' को लेकर सियासत तेज, नेता प्रतिपक्ष ने BJP पर बोला हमला, कहा- इन्होंने हद कर दी...
 'मनपसंद ऐप' को लेकर सियासत तेज, नेता प्रतिपक्ष ने BJP पर बोला हमला, कहा- इन्होंने हद कर दी.

Congress Vs BJP On Manpasand App :  छत्तीसगढ़ में शराब नीति (Chhattisgarh Liquor Policy) को लेकर सियासी बयानबाजी तेज हो गई. कांग्रेस (Congress) और बीजेपी (BJP)  दोनों पार्टियां आमने-सामने आ गईं. नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत (Charan Das Mahanta) ने सोमवार को कोरिया( बैकुंठपुर) में भाजपा सरकार के 'मनपसंद एप' (Manpasand App) को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की.महंत ने इसे राज्य को शराब में डुबाने का प्रयास बताया. वहीं, बीजेपी प्रवक्ता गौरीशंकर श्रीवास (Gaurishankar Srivas) ने कहा- "नेता प्रतिपक्ष चरण दास महंत जी ये बताएं की, जब उनकी सरकार थी, तब शराब घोटाला करने से भूपेश बघेल को क्यों नसीहत नहीं दी".

श्रीवास ने पलटवार करते हुए कहा- "ये विष्णु देव साय की सरकार है, जो भ्रष्टाचार पर जीरो टॉलरेंस की पॉलिसी पर चल रही है. ये टेक्नोलॉजी का दौर है. पारदर्शिता लाने अगर कोई ऐप शुरू हुआ है, तो उन्हें क्या परेशानी हो रही है".

'पहले हमें शराब के मुद्दे पर गालियां देते थे'

वहीं, महंत ने कहा, "भाजपा सरकार ने तो हद कर दी है, जो लोग पहले हमें शराब के मुद्दे पर गालियां देते थे, आज वही लोग शराब के लिए 'मनपसंद ऐप' बना रहे हैं. यहां तक कि मंत्री भी ब्रांड एम्बेसडर की तरह इस ऐप का प्रचार कर रहे हैं. यह एकदम गलत है. भाजपा सरकार राज्य को पूरी तरह शराब में डुबाने का प्रयास कर रही है".

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कांग्रेस सरकार की शराब नीति पर चर्चा

महंत ने कांग्रेस सरकार के दौरान अपनाई गई शराब नीति पर भी बात की. उन्होंने कहा, "कांग्रेस सरकार ने कभी शराबबंदी की कसम नहीं खाई थी, लेकिन हमने यह सुनिश्चित करने का प्रयास किया था कि शराब का कारोबार नियंत्रित हो. हमने यह सोचा था कि शराब की दुकानों की संख्या कम की जाए, ताकि लोगों की मानसिकता में बदलाव आ सके. भाजपा सरकार के इस कदम ने राजनीतिक गलियारों में नई बहस छेड़ दी है. जहां भाजपा इसे लोगों की सुविधा के लिए एक कदम बता रही है, वहीं, विपक्ष इसे राज्य को शराब की लत में धकेलने का प्रयास करार दे रहा है".

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