
Chhattisgarh News : छत्तीसगढ़ के गोरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कस्टम मिलिंग (Custom Milling) में राइस मिलरो (Rice Millers) द्वारा चावल की हेर-फेरी का बड़ा मामला सामने आया है. जिसमे मिलर द्वारा सरकारी धान को मिलिंग कर दूसरे मिलर को बेच कर आर्थिक लाभ कमाने एवं शासन को परिवहन भाड़ा में चूना लगाने की कोशिश की जा रही है. इस मामले को स्थानीय लोगों की सूचना पर सहायक खाद्य अधिकारी ने पेट्रोल पंप में सोमवार की रात पकड़ा, देर रात हुई कार्यवाही के बाद प्रशासन गुपचुप तरीके से काम कर रहा था और 24 घंटा बीतने के बाद भी मामले में जांच जारी है अपनी तरह का प्रदेश का यह पहला बड़ा घोटाला सामने आ रहा है.
ऐसे पकड़ा गया ट्रक
प्रदेश में अब तक हुए राइस मिलर चावल घोटाला में अपनी तरह का पहला बड़ा घोटाला गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में सामने आया है, जिसमें स्थानीय लोगों की सूचना पर सोमवार की देर रात सहायक खाद्य अधिकारी ने पेट्रोल पंप में संदिग्ध अवस्था में खड़े चावल लोग ट्रक की जांच पड़ताल और पूछताछ में पाया कि कोरबा जिले के कटघोरा के मातेश्वरी राइस मिल के नाम का दस्तावेज रखकर बिलासपुर जिले के करगीरोड (कोटा) के एफसीआई गोदाम (FCI Warehouse) में कटघोरा से लगभग 80 किलोमीटर दूर चावल जमा करने जा रहा ट्रक, गौरेला पेंड्रा मरवाही जिले में कटघोरा से 80 किलोमीटर दूर पकड़ा गया. पेंड्रा से करगीरोड की दूरी लगभग 65 किलोमीटर है.
हालांकि प्रशासन की टीम अब तक किसी निष्कर्ष पर नहीं पहुंची है पर प्रथम दृष्टया यह पूरा मामला राइस मिलों द्वारा आपस में सांठ-गांठ कर सरकार द्वारा खरीदे गए धान का उठाव कर दूसरे राइस मिलर के नाम पर चावल जमा कर उससे पैसा लेने मतलब सरकारी चावल को बेचने के साथ-साथ परिवहन राशि में चोरी का है.
दरअसल हर राइस मिलर को सरकारी धान की मिलिग करने के बाद शासन द्वारा निर्धारित अनुपात में नागरिक आपूर्ति निगम और फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड को चावल देना होता है, जिसकी आपूर्ति का अनुपात शासन के मापदंडों और मांग के अनुसार कम-ज्यादा होता रहता है. यह पूरा मामला भी इसी से जुड़ा हुआ है. राइस मिलर नागरिक आपूर्ति निगम में चावल की आपूर्ति तो निश्चित समय में कर लेते हैं पर एफसीआई के कठोर मापदंड होने की वजह से एफसीआई का पूरा चावल जमा करने में हमेशा विलंब होता है, खाद्य विभाग को यही अंदेशा है कि ट्रांसपोर्टिंग में मिलने वाली राशि की चोरी करने के लिए दोनों राइस मिलों ने आपस में सांठ-गांठ कर शासन से उठाए गए नए धान की मिलिंग कर फूड कॉरपोरेशन आफ इंडिया लिमिटेड के गोदाम में जमा करने का यह खेल किया था, फिलहाल पूरे मामले में जांच जारी है.
यह भी पढ़्रें : सतपुड़ा टाइगर रिजर्व : कोर एरिया में आग नहीं जला सकते, पर 'माननीय' के लिए चूल्हे पर बना मुर्गा-भरता-बाटी