
Chhattisgarh Liquor Policy Scam Case: छत्तीसगढ़ के शराब घोटाला मामले में कोर्ट ने तीन आरोपियों की 25 सितंबर तक EOW की रिमांड पर भेज दिया है. रिटायर्ड IAS और पूर्व आबकारी आयुक्त निरंजन दास को गुरुवार को गिरफ्तार किया गया था. बाकी दो आरोपी जमीन और होटल कारोबारी नीतेश पुरोहित और उनके बेटे यश पुरोहित शुक्रवार यानी आज गिरफ्तार हुआ है. ईओडब्ल्यू ने कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगी थी.
EOW का कहना है कि घोटाले के समय पूर्ववर्ती सरकार में निरंजन दास सिंडिकेट का अहम हिस्सा थे. निरंजन दास पर शराब घोटाले के पैसों को होटल में लाकर फिर उसके बाद अलग-अलग जगह पर पहुंचाने का आरोप है.
बनाया था सिंडिकेट
EOW के अनुसार, निरंजन दास ने पूर्व आईएएस अनिल टुटेजा, विशेष सचिव आबकारी अरुणपति त्रिपाठी, कारोबारी अनवर ढेबर (पूर्व मेयर एजाज ढेबर के भाई) और अन्य के साथ मिलकर एक शराब सिंडिकेट बनाया था. इस सिंडिकेट का काम सरकारी शराब दुकानों में कमीशन तय करना था. इसके अलावा डिस्टलरियों से अतिरिक्त शराब बनवाना, विदेशी ब्रांड की अवैध सप्लाई से वसूली करना और डुप्लीकेट होलोग्राम लगाकर शराब बेचना था.
3200 करोड़ का घोटाला
EOW ने बताया कि यह घोटाला पहले बताए गए 2200 करोड़ का नहीं, बल्कि लगभग 3200 करोड़ रुपये का है. रिपोर्ट के मुताबिक, हर महीने करीब 400 ट्रक शराब की अवैध सप्लाई की जाती थी. इसके चलते रिकॉर्ड और दस्तावेजों में बड़े पैमाने पर गड़बड़ियां हुईं.
लगातार दूसरे दिन सरेंडर करने पहुंचे आईएएस आलोक शुक्ला
छत्तीसगढ़ के शराब घोटाले में पूर्व आईएएस आलोक शुक्ला कोर्ट में शुक्रवार को दूसरे दिन लगातार सरेंडर करने पहुंचे वापस लौट गए. आलोक शुक्ला पर नागरिक आपूर्ति निगम (नान) में कथित 3200 करोड़ रुपये के घोटाला का आरोप है. दिल्ली ईडी इस मामले में जांच कर रही है. बता दें कि केस डायरी नहीं होने के कारण कोर्ट ने सरेंडर नहीं लिया.

सरेंडर करने पहुंचे आलोक शुक्ला.
सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को ही 7 दिन के भीतर आरोपी को सरेंडर करने के निर्देश दिए थे. अब 22 सितंबर को इस मामले में दिल्ली ईडी की टीम रायपुर पहुंच सकती है.
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चैतन्य बघेल की याचिका पर 22 सितंबर को होगी सुनवाई
रायपुर जिला न्यायालय ने शुक्रवार को शराब घोटाला मामले में पूर्व CM भूपेश बघेल के बेटे चैतन्य की अग्रिम जमानत याचिका पर सुनवाई 22 सितंबर के लिए टाल दी है. बिलासपुर हाईकोर्ट से याचिका खारिज होने के बाद उन्होंने निचली अदालत में याचिका दायर की थी, जिसकी सलाह हाईकोर्ट ने ही दी थी. चैतन्य ने EOW की गिरफ्तारी से बचने के लिए याचिका लगाई है.