
Employees Promotion Case Reached CG High Court : छत्तीसगढ़ के जल संसाधन विभाग में वर्षों से कार्यरत डिप्लोमा और डिग्रीधारी सहायकों को पदोन्नति न मिलने का मामला हाई कोर्ट पहुंच गया. इन कर्मचारियों ने उच्च न्यायालय में याचिका दायर कर पदोन्नति में भेदभाव का आरोप लगाया है.बिलासपुर, रायगढ़, कोरिया और सारंगढ़ जिलों में जल संसाधन विभाग के विभिन्न उप-संभागों में कार्यरत याचिकाकर्ताओं में शेखर राव, प्रवीन रावत, तुलसीराम, दीपक कुमार कौशिक, अमित कुमार राजपूत, रूप लाल यादव, बसंत कुमार पटेल, यशोदा निषाद, सुरेश कुमार निषाद, प्रीति सागर, कृष्णा जयसवाल और बलवीर सिंह राजपूत शामिल हैं. सभी स्थल सहायक हैं और डिप्लोमा अथवा डिग्री धारक हैं. ये कर्मचारी करीब 17-18 वर्षों से एक ही पद पर कार्यरत हैं, लेकिन उन्हें उप अभियंता के पद पर पदोन्नति नहीं दी गई.
अनियमितता और मनमानी करने का आरोप
याचिकाकर्ताओं का कहना है कि उन्होंने कई बार विभागीय पदोन्नति के लिए आवेदन दिया, लेकिन कोई ठोस निर्णय नहीं लिया गया. विभागीय नियमों के अनुसार, डिग्री या डिप्लोमा धारकों को ही प्राथमिकता मिलनी चाहिए, लेकिन इसके बजाय अन्य कर्मियों को पदोन्नति दी जा रही है. पदोन्नति की प्रक्रिया में अनियमितता और मनमानी करने का आरोप भी लगाया गया है.
तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश
इस मामले को लेकर याचिकाकर्ताओं ने अधिवक्ता अब्दुल वहाब खान के माध्यम से छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में याचिका दायर की. मामले की प्रारंभिक सुनवाई के बाद न्यायमूर्ति ए.के. प्रसाद की एकल पीठ ने जल संसाधन विभाग के प्रमुख अभियंता और सचिव को नोटिस जारी किया है. अदालत ने तीन सप्ताह के भीतर जवाब देने के निर्देश दिए हैं.
न्याय मिलने की उम्मीद जगी
इस फैसले से प्रभावित कर्मचारियों को न्याय मिलने की उम्मीद जगी है. अगर अदालत उनके पक्ष में निर्णय देती है, तो वर्षों से लंबित उनकी पदोन्नति का रास्ता साफ हो सकता है.
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