Chhattisgarh Assembly Election : छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल (Chhattisgarh CM Bhupesh Baghel) ने शनिवार को कहा कि मतदाताओं के लिए इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन (EVM) पर एक विकल्प नोटा (NOTA) यानी 'उपरोक्त में से कोई नहीं' को खत्म किया जाना चाहिए. रायपुर (Raipur) के विमानतल पर पत्रकारों से बातचीत के दौरान बघेल ने कहा कि कई बार ऐसा देखा गया है कि जीत-हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा (Vote on NOTA) को मिले.
नोटा को मिले थे दो लाख वोट
यह पूछे जाने पर कि राज्य में 2018 के विधानसभा चुनावों में नोटा को दो लाख से अधिक वोट मिले और यह विकल्प चुनावों को कैसे प्रभावित करता है तो बघेल ने कहा, 'चुनाव आयोग को इसका संज्ञान लेना चाहिए. कई बार ऐसा देखा गया है कि (दो उम्मीदवारों के बीच) जीत और हार के अंतर से ज्यादा वोट नोटा को मिले.' उन्होंने कहा, 'ऐसा होता है जैसे बहुत से लोग यह सोचकर इसे (नोटा बटन) दबाते हैं कि या तो उन्हें ऊपर या नीचे (बटन) दबाना है. इसलिए नोटा को बंद किया जाना चाहिए.'
यह भी पढ़ें : CG Election: राहुल गांधी का 'किसान अवतार', छत्तीसगढ़ के खेत में मजदूरों संग काटी धान की फसल
2013 में सुप्रीम कोर्ट ने दिया था आदेश
छत्तीसगढ़ की 90 सदस्यीय विधानसभा के लिए सात और 17 नवंबर को दो चरणों में मतदान होगा. सितंबर 2013 में उच्चतम न्यायालय के आदेश के बाद चुनाव आयोग ने ईवीएम में उम्मीदवारों की सूची के अंतिम में विकल्प के रूप में नोटा का बटन जोड़ा था. छत्तीसगढ़ के 2018 के विधानसभा चुनाव में 76.88 प्रतिशत मतदान दर्ज किया गया था, जिसमें कुल 1,85,88,520 मतदाताओं में से 1,42,90,497 ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया था.
यह भी पढ़ें : CG Election 2023: कांग्रेस पर सरकारी मशीनरी के दुरुपयोग का आरोप, BJP पहुंची चुनाव आयोग
लोकसभा चुनाव में नोटा को मिले 1.96 लाख वोट
उक्त चुनाव में 2,82,738 मतदाताओें ने नोटा का विकल्प चुना था. इसी प्रकार 2019 के लोकसभा चुनाव में 11 संसदीय सीटों वाले छत्तीसगढ़ में 1.96 लाख से अधिक नोटा वोट पड़े. 2019 में पांच संसदीय क्षेत्रों बस्तर, सरगुजा, कांकेर, महासमुंद और राजनांदगांव में नोटा तीसरे स्थान पर रहा.