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This Article is From Dec 25, 2024

Bulldozer Action: बरसो से सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से थी  बसावट, कोरबा प्रशासन ने शुरू की ये बड़ी कार्रवाई

Bulldozer Action in Korba: कोरबा में रेलवे अंडर ब्रिज बनाने के लिए जिला प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई शुरू हो गई है. यहां हुए अवैध बसावट को हटाने के लिए प्रशासन ने बुल्डोजर एक्शन शुरू कर दिया है. अब यहां के लोगों के सामने अपना नया घर बसाने की चुनौती खड़ी है.

Bulldozer Action: बरसो से सिंचाई विभाग की जमीन पर अवैध तरीके से थी  बसावट, कोरबा प्रशासन ने शुरू की ये बड़ी कार्रवाई
कोरबा जिला प्रशासन ने अवैध निर्माण पर चलाया बुल्डोजर

Korba Railway Under Bridge: छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के कोरबा जिले से बुल्डोजर एक्शन (Bulldozer Action) का नया मामला सामने आया है. यहां रेलवे अंडर ब्रिज (Railway Under Bridge) के निर्माण के लिए प्रशासन ने तेजी दिखाते हुए पहले नोटिस दिया और अब बेदखली की कार्रवाई शुरू कर ऐसे निर्माणों को ढहाने बुलडोजर का इस्तेमाल किया. बरसो से सिंचाई विभाग (Irrigation Department) की सरकारी जमीनों में बसे लोगों को कुछ हिस्सा टूटने से बच जाए, इसकी मिन्नतें कोशिश करते देखा गया. इन बसाहटों में बसे कुछ लोगों के घर पूरी तरह टूट गए और कुछ मकानों के आधे हिस्सों के तोड़ा गया. प्रशासन ने 20 मीटर की चौड़ाई को लेकर इस अंडर ब्रिज के निर्माण में आने वाले मकानों को गिरा दिया. 

कोरबा में प्रशासन ने लिया बुल्डोजर एक्शन

कोरबा में प्रशासन ने लिया बुल्डोजर एक्शन

क्यों जरूरी है यहां रेलवे अंडर ब्रिज

कोरबा शहर में सुनालिया नहर पुल नाम से मशहूर इस रेलवे स्टेशन जाने वाले मार्ग में स्थित रेलवे फाटक से रोज तकरीबन 110 रेक कोयला लोड वेगन गुजरती हैं. ऐसे में शहर के बीच में मौजूद इस रेलवे फाटक के थोड़ी-थोड़ी देर में बंद होने से इस सड़क के दोनों तरफ लंबे जाम की स्थिति बन जाती है. प्रशासन ने इस समस्या से राहत पाने के लिए सिंचाई विभाग की बनी सड़क में रेलवे की सहमति से अंडर ब्रिज बनाने का प्रस्ताव तैयार किया, जिसका कुछ दिनों पहले कोरबा आए मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भूमिपूजन किया था. 

लंबे जाम से राहत के लिए रेलवे अंडर ब्रिज की किया जाना है निर्माण

लंबे जाम से राहत के लिए रेलवे अंडर ब्रिज की किया जाना है निर्माण

पहले जारी किया नोटिस, फिर ले लिया एक्शन

जिला प्रशासन ने रेलवे अंडर ब्रिज के कार्य में तेजी दिखाते हुए इस मार्ग में बसे हुए लोगों को जल्द से जल्द अपने मकान खाली करने का नोटिस जारी किया था. ज्यादातर लोगों ने सिंचाई विभाग की जमीन पर मकान बनाये थे. उन्हें प्रशासन ने अटल आवास में मकान देने या मलबे का मुआवजा देने का प्रस्ताव दिया. अधिकांश लोगों ने मुआवजा की रकम मांगी, जिसके बाद मकान खाली कर दिया. वही कुछ ने नहीं किया था. इसपर प्रशासनिक अमले ने ऐसे मकानों को ढहाना शुरू कर दिया. 

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95 घरों का है अवैध निर्माण

मौके पर मौजूद कोरबा तहसीलदार सत्यपाल राय ने बताया कि इस अंडर ब्रिज के निर्माण की जद में 95 घर आ रहे हैं. ज्यादातर घर सरकारी जमीन पर बने हुए हैं, फिर भी इन्हें मलबे का मुआवजा दे दिया गया है और अब खाली कराने का कार्य किया जा रहा है. वहीं, कुछ लोगों ने जमीनों को निजी बताते हुए स्टे लिया हुआ है. उन पर बने मकानों को छोड़ दिया गया है. इनकी जमीनों की जांच के बाद ही आगे की कार्रवाई तय की जाएगी.

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