Chhattisgarh News in Hindi : छत्तीसगढ़ (Chhattisgarh) के सरगुजा (Surguja) जिले में आर्थिक रूप से कमजोर ग्रामीणों के लिए एक अहम कदम उठाया गया है. पशुपालन विभाग ने अफ्रीकी बोअर नस्ल के सीमेन का आयात किया है, जिससे यहां के आदिवासी क्षेत्रों में बकरी प्रजनन और उत्पादकता को बढ़ावा मिलेगा. पशुपालन विभाग के वरिष्ठ चिकित्सक डॉ. चंदू मिश्रा ने बताया कि अफ्रीकी बोअर नस्ल की बकरियां मजबूत होती हैं और तेजी से बढ़ती हैं. इस कदम से सरगुजा में बकरी पालन में क्रांति की उम्मीद है और किसानों की आय दुगनी होने का अनुमान है.
कैसे मिलेगा ज़्यादा मुनाफा ?
दरअसल, सरगुजा की जलवायु इन बकरियों के लिए काफी अच्छी है, जिससे किसानों को ज़्यादा मांस उत्पादन और बेहतर मुनाफा मिलेगा. विभाग ने विशेषज्ञों के परामर्श और स्थानीय जलवायु को ध्यान में रखते हुए यह वीर्य की खरीदी शुरू की गई है. इसका मकसद जिले के किसानों को इसे अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना है.
जानिए बकरियों की खासियत
सरगुजा के आदिवासी किसान कृषि के साथ-साथ बकरी पालन में भी रुचि दिखाते हैं. राज्य सरकार ने जिला प्रशासन की पहल पर यह निर्णय लिया है, जिससे किसानों में काफी उत्साह है. अफ्रीकी बोअर नस्ल की बकरियां 80 से 100 किलोग्राम तक वजन की हो जाती हैं और इनकी मादा बकरियां दो से तीन बच्चे देती हैं. इसके साथ ही ये बकरियां दो से तीन लीटर दूध भी देती हैं.
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जिला स्तर पर कवायद तेज़
पशुपालन विभाग ने बकरियों में कृत्रिम गर्भाधान के लिए 7800 सीमेन मंगाए हैं, जिसमें जमुनापारी, सिरोही, बारबरी के साथ विदेशी नस्ल अफ्रीकन बोअर का सीमेन भी शामिल है. सीमेन की उपलब्धता उत्तराखंड लाइव स्टॉक डेवलपमेंट बोर्ड ऋषिकेश की तरफ से सुनिश्चित की गई है और इसके लिए राशि कलेक्टर सरगुजा की तरफ से स्वीकृत की गई है.
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