
Chhattisgarh School Toilet Blast: बिलासपुर के मुंगेली नाका स्थित सेंट विंसेंट पल्लोटी स्कूल में हुए विस्फोट के एक दिन बाद प्रशासन हरकत में आया है. इस गंभीर घटना को लेकर जिला प्रशासन ने चार सदस्यीय जांच टीम का गठन किया है. इस टीम में चार अलग-अलग स्कूलों के प्राचार्य शामिल हैं, जिनमें से तीन महिला प्राचार्य हैं. प्रशासन का कहना है कि मामले की संवेदनशीलता को ध्यान में रखते हुए जांच को पूरी गंभीरता से किया जा रहा है.
अभिभावकों का जमकर हंगामा
स्कूल में हुए इस विस्फोट के बाद छात्रों के अभिभावकों में भारी आक्रोश देखा गया. घटना के बाद बड़ी संख्या में माता-पिता स्कूल के बाहर एकत्र हुए और जोरदार हंगामा किया. वे अपने बच्चों की सुरक्षा को लेकर चिंतित थे और स्कूल प्रशासन से जवाब मांग रहे थे.
चौथी क्लास की छात्रा घायल
घटना के बाद पता चला कि स्कूल के टॉयलेट में सोडियम क्लोराइड से विस्फोट हुआ था, जिससे कक्षा चौथी की एक मासूम बच्ची गंभीर रूप से झुलस गई. बच्ची को तत्काल अस्पताल ले जाया गया, जहां उसका इलाज जारी है. डॉक्टरों के अनुसार, वह करीब 20% तक झुलस चुकी है और उसे बर्न यूनिट में भर्ती किया गया है.
बिलासपुर के निजी स्कूल में विस्फोट मामले में FIR दर्ज
इस घटना को गंभीरता से लेते हुए जिला प्रशासन ने जांच टीम बनायी है. इसके अलावा पुलिस ने भी मामले में एफआईआर दर्ज कर जांच शुरू कर दी है. सिविल लाइन थाना पुलिस का कहना है कि घटना के हर पहलू की बारीकी से जांच की जा रही है और जो भी दोषी पाया जाएगा, उसके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी.
मामले की जांच कर रहे अधिकारी मोहनलाल पटेल ने बताया कि जांच अगले दो से तीन दिनों में पूरी हो जाएगी और रिपोर्ट जिला प्रशासन को सौंप दी जाएगी. वहीं पुलिस भी अलग से साक्ष्य जुटाने में लगी हुई है, ताकि दोषियों को सजा दिलाई जा सके.
स्कूल के प्राचार्य सुनित कुमार ने बताया कि प्रारंभिक जांच में सामने आया है कि आठवीं कक्षा की कुछ छात्राओं ने सोडियम क्लोराइड को स्कूल के टॉयलेट में डाल दिया था, जिससे यह हादसा हुआ. यह भी सामने आया है कि बच्चों ने यह रसायन ऑनलाइन खरीदा था. फिलहाल, स्कूल प्रशासन इस बात की जांच कर रहा है कि कितने बच्चों ने इस शरारत में भाग लिया और उनके इरादे क्या थे?
अभिभावकों ने कार्रवाई की मांग की
इस घटना के बाद स्कूल में पढ़ने वाले अन्य बच्चों के माता-पिता काफी चिंतित हैं. उनका कहना है कि अगर स्कूल में सुरक्षा के कड़े इंतजाम होते, तो यह हादसा टाला जा सकता था. कुछ अभिभावकों ने स्कूल प्रशासन की लापरवाही को भी जिम्मेदार ठहराया है और कार्रवाई की मांग की है.
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