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This Article is From Sep 04, 2023

बिलासपुर: 12 सितंबर को नागरिक सुरक्षा मंच का 'रेल रोको आंदोलन', आमजन को हो सकती है परेशानी

नागरिक सुरक्षा मंच ने 12 सितंबर को बिलासपुर में 'रेल रोको अभियान' की घोषणा की है. पिछले दो सालों से लगातार यात्री गाड़ियों को निरस्त किया जाना और घंटो तक लेट-लतीफ को लेकर यह फैसला लिया गया है.

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बिलासपुर: 12 सितंबर को नागरिक सुरक्षा मंच का 'रेल रोको आंदोलन', आमजन को हो सकती है परेशानी
नागरिक सुरक्षा मंच ने 12 सितंबर को बिलासपुर में 'रेल रोको अभियान' की घोषणा की

छत्तीसगढ़ के बिलासपुर में आमजन को ट्रेनों में हो रही असुविधाओं और लगातार रेलगाड़ी के निरस्त होने के कारण 12 सितंबर को नागरिक सुरक्षा मंच की ओर से रेल रोको आंदोलन किया जाएगा. दोपहर करीब 12 बजे उसलापुर रेलवे स्टेशन के निकट ट्रेन रोककर यह आंदोलन किया जाएगा.

1 साल के बाद भी नहीं हुआ कोई सुधार

नागरिक सुरक्षा मंच ने कहा कि रेल प्रशासन छत्तीसगढ़ के लोगों के साथ भेदभाव कर रहा है. पिछले दो सालो से यात्री गाड़ियों को निरस्त किया जाना. ट्रेनों की घंटो तक लेट-लतीफ यात्रियों के साथ अन्याय है.

अमित तिवारी ने कहा कि बीते 21 सितंबर, 2022 को नागरिक सुरक्षा मंच द्वारा जनता की इन कठिनाइयों को संज्ञान में लेते हुए महाप्रबंधक कार्यालय का घेराव किया गया था. इस दौरान रेलवे के उच्चाधिकारी ने चर्चा के दौरान इन अनियमितताओं को भी स्वीकार किया और एक माह के अंदर इन समस्याओं के निराकरण किए जाने का आश्वासन दिया था, लेकिन 1 साल बीत जाने के बाद भी रेलवे प्रशासन की कानों में जूं नहीं रेंग रही. जब रेलवे को आमजन की तकलीफों से कोई सरोकार नहीं है तो अब बिलासपुर की जनता को ही बड़े आंदोलन के लिए निर्णय लेना पड़ेगा.

गाड़ियों को घंटो-घंटो तक रोक दिया जाता है

अमित तिवारी ने आगे कहा कि रेल आम जनता के लिए सर्वाधिक किफायती और सुविधाजनक यातायात माध्यम है, जिसे रेलवे ने अपनी आय बढ़ाने और चंद व्यवसायियों को लाभ पहुंचाने की नियत से माल ढुलाई को ज्यादा प्राथमिकता दे रहा है. माल गाड़ी को क्लीयरेंस देने के लिए यात्री गाड़ियों को घंटो-घंटो तक एक स्थान पर रोक दिया जाता है जो रेल यात्रियों के लिए परेशानी का सबब बन जाता है.

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उन्होंने  कहा कि वर्तमान में बिलासपुर जोन की सैकड़ों गाड़ियां निरस्त हैं और जो चल रही है वो भी अनिश्चित कालीन विलंब से चल रही है. लोकल गाड़ियां पूर्णतया निरस्त हैं, जिसके चलते स्थानीय और छोटे-छोटे स्टेशनों से यात्रा करने वाले लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. अब छत्तीसगढ़ की जनता रेलवे की नौकरशाही रवैये को बर्दाश्त नहीं करेगी.

12 सितंबर को रेल रोको आंदोलन किया जाएगा

अमित तिवारी ने कहा कि आम जनता की इस परेशानियों को देखते हुए नागरिक सुरक्षा मंच व जिला युवक कांग्रेस ने रेल प्रशासन के तुगलकी निर्णय का विरोध करने का निर्णय लिया है. इसलिए 12 सितंबर को दोपहर 12 बजे रेल रोको आंदोलन किया जाएगा. इसके बाद भी रेल प्रशासन के रवैये में सुधार नहीं आया तो एक साथ 12 स्टेशनों पर रेल रोको आंदोलन किया जाएगा और जिसके लिए रेल प्रशासन पूर्ण रूप से जिम्मेदार होगा.

बता दें कि बिलासपुर, कोरबा, चांपा-जांजगीर, अकलतरा, सक्ती, खरसिया, बिल्हा सहित रेल रूट के आम नागरिक इस आन्दोलन में शामिल होंगे. 

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