Positive News: छत्तीसगढ़ के बिलासपुर एडिशनल एसपी के हमराह गनमैन के रूप में कार्यरत एक आरक्षक ने अपने जन्मदिन के मौके पर अंगदान करने का एक प्रेरणादायक फैसला लिया है. आरक्षक ने देहदान का फैसला लिया है. परिवार के साथ-साथ अन्य लोगों को देहदान जैसे पुण्य काम के लिए प्रोत्साहित कर रहे हैं.
कांस्टेबल वीरेंद्र कुमार बिलासपुर के ग्राम खुडियाड़ीह, पोस्ट बोड़सरा, तहसील थाना बिल्हा के रहने वाले हैं. 12 सितंबर 2008 को जशपुर जिले में आरक्षक के पद पर पुलिस सेवा में जुड़ने वाले इस आरक्षक का जीवन सादगी और सेवा का प्रतीक है. उनके पिता नेतराम और माता रहस्य बाई ने उन्हें मानवता, मदद और कर्तव्यनिष्ठा की शिक्षा दी, जिसे उन्होंने अपने जीवन में आत्मसात किया. आरक्षक ने अपने जन्मदिन पर नेत्र और देह दान का संकल्प लेते हुए यह संदेश दिया कि अंगदान मानवता की सबसे बड़ी सेवा है.
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जरूरतमंदों के जीवन में नई रोशनी लाएगा
अंगदान एक महान कार्य है, जिससे मृत्यु के बाद भी जीवन का सार बचाया जा सकता है. उन्होंने यह भी अपील की कि समाज के हर व्यक्ति को इस पुनीत कार्य में योगदान देना चाहिए. अंगदान समाज में नई जिंदगी देने की परंपरा बन सकती है. उन्होंने यह कदम समाज को प्रेरित करने और अंगदान के महत्व को समझाने के उद्देश्य से उठाया है. आरक्षक ने अपने संदेश में यह भी कहा कि मृत्यु से पहले एक महापुण्य कर जाना, अपनी देह, आंखें, और अंग किसी जरूरतमंद को दान कर जाना, सबसे बड़ी सेवा है. मेरा सभी से अनुरोध है कि इस कार्य में बढ़-चढ़कर हिस्सा लें और समाज को नई दिशा दें. यह कदम न केवल समाज को प्रेरणा देगा, बल्कि जरूरतमंदों के जीवन में नई रोशनी लाएगा.
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