
Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले की कलेक्टर, एसडीओ और तहसीलदार के खिलाफ अवमानना याचिका दायर हुई है. मामला सड़क अतिक्रमण सा जुड़ा हुआ है. इन अफसरों पर कोर्ट के आदेशों की अवहेलना का आरोप है.
6 महीने की मिली थी मोहलत
उच्च न्यायालय के स्पष्ट आदेश में गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले में हुए सड़क अतिक्रमण पर स्थिति सुधारने के लिए 6 महीने की मोहलत दी गई थी. लेकिन इस समय सीमा के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. जिले की महिला कलेक्टर लीना कमलेश मंडावी , लोक निर्माण विभाग के एसडीओ एन.के. साहू और पेंड्रारोड तहसीलदार अविनाश कुजूर ने निर्देशों की अनदेखी का आरोप है. ऐसे में याचिकाकर्ता ने इन अधिकारियों के खिलाफ अवमानना याचिका दायर की है.
ये है पूरा मामला
बिलासपुर जिले से विभाजन के बाद नवगठित जिला गौरेला पेंड्रा मरवाही में साल 2021-22 में पेंड्रा से अमरपुर जाने वाली सड़क के चौड़ीकरण की योजना बनाई गई थी. हालांकि इस योजना के तहत नई सड़क का निर्माण कर दिया गया, जबकि पुराने मार्ग पर स्थित भूमि पर अतिक्रमण अब भी बरकरार है.
लोक निर्माण विभाग पर आरोप है कि उसने सड़क निर्माण के लिए अधिग्रहित सरकारी भूमि पर कब्जाधारियों को नजरअंदाज करते हुए निजी किसानों की भूमि पर सड़क और नाली का निर्माण किया. याचिकाकर्ता मनीष पांडेय ने अपनी रिट पिटीशन में इसे प्रशासनिक लापरवाही और अवैध संरक्षण का मामला बताते हुए हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए कलेक्टर को निर्देश दिए थे कि 6 महीने के भीतर इस मामले में उचित कार्रवाई करें और अतिक्रमण हटवाएं.
कलेक्टर और अन्य अधिकारियों द्वारा कोर्ट के आदेश की अनदेखी और अतिक्रमणकारियों को संरक्षण देने का आरोप लगाते हुए याचिकाकर्ता ने अधिवक्ता अच्युत तिवारी के माध्यम से हाई कोर्ट में अवमानना याचिका दायर की है.
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लगाया आरोप
याचिकाकर्ता का आरोप है कि अधिकारियों ने जानबूझकर न्यायालय के आदेश का पालन नहीं किया और अब यह मामला कोर्ट की अवमानना की श्रेणी में आता है.इस याचिका के माध्यम से याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट से अपील की है कि न्यायालयीन आदेश की अवहेलना करने वाले अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाए.मामले की सुनवाई अब अवमानना याचिका के तहत होगी.
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