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This Article is From Dec 12, 2024

CG: प्रमोशन नीति पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, डाटा एंट्री ऑपरेटर की याचिका पर कही ये बात 

Data Entry Operators Promotion: छत्तीसगढ़ की बिलासपुर हाईकोर्ट में डाटा एंट्री ऑपरेटर्स के प्रमोशन मामले में सुनवाई है. इस दौरान राज्य सरकार की पदोन्नति नीति पर हाईकोर्ट ने कड़ी टिप्पणी की है.आइए जानते हैं इस मामले में हाईकोर्ट ने क्या कहा? 

CG: प्रमोशन नीति पर हाईकोर्ट की कड़ी टिप्पणी, डाटा एंट्री ऑपरेटर की याचिका पर कही ये बात 

Data Entry Operators Promotion Petition: छत्तीसगढ़ में बिलासपुर हाईकोर्ट ने डाटा एंट्री ऑपरेटर्स की याचिका पर बुधवार को सुनवाई के दौरान राज्य शासन के पदोन्नति नीति को लेकर कड़ी टिप्पणी की है. कोर्ट ने कहा कि यह कहां का नियम है कि कर्मचारी जिस पद पर ज्वाइनिंग करें, उसी पद पर रिटायर हो जाएं? काम का कुछ तो अवार्ड मिले. मामले की अगली सुनवाई 8 सप्ताह के बाद तय की गई है.

डाटा एंट्री ऑपरेटर की पदोन्नति को लेकर दायर याचिका की सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कहा कि कर्मचारी एक ही पद पर बिना किसी पदोन्नति के काम करे यह उचित नहीं है. राज्य शासन की ओर से पैरवी करते हुए शासकीय अधिवक्ता ने याचिका को खारिज करने की मांग की है. इस पर कोर्ट ने उनको जवाब देने को कहा है. 

पदोन्नति से वंचित हैं डाटा एंट्री ऑपरेटर्स

राज्य शासन के 15 विभागों में पदोन्नति चैनल निर्धारित कर डाटा एंट्री ऑपरेटरों को प्रमोशन दिया जा रहा है. लेकिन  राज्य शासन के अन्य विभागों में डाटा एन्ट्री ऑपरेटर पदोन्नति से वंचित हैं. राज्य शासन के समस्त विभागों में एक समान पदोन्नति चैनल निर्धारित करने और पदोन्नत पद के समान समयमान-वेतनमान प्रदान करने के लिए प्रदेश शासकीय कम्प्यूटर डाटा एन्ट्री ऑपरेटर कर्मचारी एसोसिएशन पिछले 8-10 सालों से शासन, प्रशासन, विभाग प्रमुखों को पत्राचार कर रहा था. लेकिन  शासन, प्रशासन और विभागों द्वारा डाटा एंट्री ऑपरेटरों को पदोन्नति देने के संबंध में कोई कार्रवाई नहीं की जा रही थी.

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सरकार को जारी हुआ नोटिस

पदोन्नति की दोहरी नीति को लेकर छत्तीसगढ़ शासकीय कम्प्यूटर डाटा एंट्री ऑपरेटर कर्मचारी एसोसिएशन के माध्यम से पदोन्नति पद के बराबर समयमान दिए जाने की मांग करते हुए छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई है. इसमें वन विभाग,वाणिज्य और उद्योग विभाग,पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग,उच्च शिक्षा विभाग,निर्वाचन विभाग,खाद्य विभाग,रोजगार एवं प्रशिक्षण विभाग,जल संसाधन विभाग,महिला एवं बाल विकास विभाग एवं नगर निगम बिलासपुर सहित लगभग 15 विभागों के कर्मचारी शामिल हैं. सुनवाई के बाद कोर्ट ने राज्य शासन को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

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