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This Article is From Mar 13, 2024

Chhattisgarh News: स्कूल के हॉस्टल में छात्रा ने बच्चे को दिया जन्म, हैरान कर देने वाली है घटना

Chhattisgarh: बीजापुर जिले के की एक आवासीय संस्था में पढ़ने वाली छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दिया है. पेट दर्द की शिकायत के बाद उसे संस्था के स्टाफ ने अस्पताल में भर्ती कराया था.

Chhattisgarh News: स्कूल के हॉस्टल में छात्रा ने बच्चे को दिया जन्म, हैरान कर देने वाली है घटना

Porta Cabin Residential Schools: छत्तीसगढ़ के बीजापुर (Bijapur) जिले के एक पोटाकेबिन (Potacabin) की एक छात्रा ने अस्पताल में बच्चे को जन्म दिया है. इस खबर के बाद जिले में हड़कंप मच गया है. इसकी पुष्टि जिला शिक्षा अधिकारी बीआर बघेल ने भी की है. पुलिस और शिक्षा विभाग के अफसर गंगालूर के अस्पताल पहुंच गए हैं. मामले की जांच शुरू कर दी गई है. इस मामले में छात्रावास अधीक्षिका अंशु मिंज की लापरवाही उजागर हुई है. ऐसे में उसे  बीजापुर कलेक्टर ने निलंबित कर दिया है.

अस्पताल ले जाने के बाद हुआ खुलासा 

बीजापुर जिले के नक्सल प्रभावित इलाका गंगालूर (Gangalur) के पोटा केबिन में 12वीं कक्षा में पढ़ने वाली एक छात्रा के पेट में अचानक दर्द की शिकायत की. इसके बाद हॉस्पिटल के स्टाफ उसे गंगालूर के अस्पताल लेकर गए. जहां डॉक्टरों ने उसकी जांच की. जांच के बाद डॉक्टर्स ने जब स्टाफ को बताया कि वह गर्भवती है, तो सभी के पैरों तले जमीन खिसक गई. कुछ देर के बाद छात्रा ने एक बच्चे को जन्म दे दिया. इसकी खबर मिलते ही पोटा केबिन (Potacabin) से लेकर जिला मुख्यालय तक हड़कंप मच गया है. इस मामले में सबसे चौंकाने वाली बात ये है कि छात्रा के गर्भवती (Pregnant) होने की भनक तक यहां के स्टाफ को नहीं लगी. हालांकि, ये सब कैसे हुआ इसका खुलासा मामले की जांच बाद ही हो पाएगा. 

बड़ी लापरवाही आई सामने

 अब इस पूरे मामले में एक बड़ी लापरवाही निकलकर सामने आई है. सबसे बड़ी और आश्चर्य की बात ये कि छात्रा गर्भवती थी और उसकी भनक यहां के स्टाफ को नहीं लगी. बड़ी संख्या में यहां छात्राएं रहकर पढ़ाई कर रही हैं. लेकिन, इस घटना से पता चलता है कि पोटा केबिन अधीक्षिका की छात्राओं पर किसी तरह की मॉनिटरिंग नहीं है. इस पूरे मामले ने एक बार फिर नक्सल इलाकों की छात्राओं की आवासीय संस्थाओं में लापरवाही की पोल खोलकर रख दी है. 

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पहले भी सामने आ चुके हैं ऐसे मामले 

बता दें कि इस तरह के मामले बस्तर के अलग-अलग जिलों में पहले भी सामने आए हैं. साल 2019 में दंतेवाड़ा के पातररास के छात्रावास की एक छात्रा ने हॉस्टल में ही एक बच्चे को जन्म दिया था. तब नवजात की मौत हो गई थी. इस मामले में अधीक्षिका ने मामले को दबाने का पूरा प्रयास किया था, लेकिन मामला जब सामने आया, तो अधीक्षिका पर निलंबन की गाज गिरी थी. ऐसा ही मामला बीजापुर जिले में भी पहले सामने आ चुका है. 

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