विज्ञापन

नक्सलियों का खौफ! शहीद जवान का उसके गांव में नहीं हो सका अंतिम संस्कार, इसलिए लेना पड़ा ये फैसला 

Bijapur Naxalites Attack News: छत्तीसगढ़ के बीजापुर जिले में शहीद हुए जवानों में से एक जवान का अंतिम संस्कार उसके गांव में नहीं हो सका.नक्सलियों के खौफ के कारण ग्रामीणों ने यह फैसला लिया है. 

नक्सलियों का खौफ! शहीद जवान का उसके गांव में नहीं हो सका अंतिम संस्कार, इसलिए लेना पड़ा ये फैसला 

Naxalites Attack In Bijapur: छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के खिलाफ हो रही कार्रवाई के बीच आज भी छत्तीसगढ़ में नक्सलियों की दहशत है. इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि बीजापुर हमले में शहीद हुए जवान को उसके अपने गांव में अंतिम संस्कार के लिए जगह नहीं मिली. ऐसे में नेशनल हाइवे के किनारे एक गांव में उसका अंतिम संस्कार करना पड़ गया.

बीजापुर में सोमवार को हुए नक्सलियों के हमले में 8 जवान सहित एक ड्राइवर की शहादत हुई है. इन 8जवानों में से 5 जवान पूर्व में नक्सली रह चुके हैं. इनमें से एक जवान बुधराम भी है. नक्सल हिंसा में शहीद होने के बाद उसके अंतिम संस्कार के लिए गांव नहीं ले जाया गया.दरअसल उसके गांव तंगोली में नक्सलियों का खौफ है. इसके सरेंडर के बाद नक्सली टारगेट बनाकर रखे हुए थे. ग्रामीणों ने बताया कि इसका गांव में अंतिम संस्कार कर देते तो नक्सली हमें परेशान करेंगे. ऐसे में गांव नहीं ले जाया गया.

ग्रामीणों कर परिजनों ने कहा कि बुधराम की शहादत पर गर्व है. वह नक्सल संगठन में रहते हुए पुलिस की गोली से मारा जाता, इससे अच्छा यही है कि उसने सरेंडर के बाद देश की सेवा का संकल्प लेकर डीआरजी में शामिल हुआ था और देश की सेवा करते हुए वह शहीद हुआ है. 

शहीद जवान बुधराम कोरसा का अंतिम संस्कार एनएच पर बसे गांव बरदेला में किया है. बुधराम बडे तुंगाली गांव का रहने वाला है. लगभग 8 साल पहले इसने सरेंडर किया था और इसके बाद इसने पुलिस की नौकरी ज्वाईन की थी. बुधराम परिवार में सबसे बड़ा था और परिवार के भरण पोषण की जिम्मेदारी इसी पर थी. इधर इस घटना के बाद साथी शहीद डीआरजी जवानों के साथी जवान अब फिर ये ही कहते आ रहे हैं. भूलेंगे नहीं बल्कि अब बदला लेकर रहेंगे. 

ये भी पढ़ें बदले जाएंगे BJP के प्रदेश अध्यक्ष ! कौन होंगे नया चेहरा ? जानें किरण देव को क्या मिल सकती है ज़िम्मेदारी

सरेंडर के बाद रहता है खतरा

सरेंडर करने वाले नक्सलियों और उनके परिवार को जान का खतरा रहता है. नक्सली उनके परिवार को भी परेशान करते हैं. सरेंडर के बाद काई लोग डीआरजी टीम में शामिल हो गए हैं, ऐसे में उनकी जान का खतरा और भी बढ़ जाता है, ऐसे में वे गांव नहीं जाते हैं. कभी चले गए और नक्सलियों को इस बात की जानकारी हो गई तो हत्या कर देते हैं. 

ये भी पढ़ें Exclusive: पहले नक्सली थे IED ब्लास्ट में शहीद हुए 8 में से 5 जवान, सरेंडर के बाद नक्सलियों के खिलाफ थामा था हथियार

ये भी पढ़ें CG त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव: बिलासपुर में आरक्षण की प्रक्रिया आज, इन जिलों के भी मिली तारीख, देखें पूरी डिटेल



 

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close