Bastar Olympics 2025: छत्तीसगढ़ के बस्तर संभाग में प्रतिभाशाली युवाओं और स्थानीय समुदायों को मुख्यधारा से जोड़ने के उद्देश्य से ‘संभाग स्तरीय बस्तर ओलंपिक' दूसरी बार एक बड़े खेल महोत्सव के रूप में आयोजित किया जा रहा है. यह आयोजन 11 से 13 दिसंबर 2025 तक जगदलपुर में चलेगा, जिसमें पहली बार नहीं बल्कि लगातार दूसरे वर्ष आत्मसमर्पित नक्सली भी खिलाड़ी के रूप में हिस्सा ले रहे हैं.
कांकेर जिले से इस बार 54 आत्मसमर्पित नक्सली और कुल 60 पुनर्वास लाभार्थी जगदलपुर के लिए रवाना हुए. कांकेर एसपी इंदिरा कल्याण एलिसेला ने बताया कि राज्य सरकार की आत्मसमर्पण एवं पुनर्वास नीति ने नक्सल प्रभावित युवाओं को जीवन का नया अवसर दिया है. उन्होंने कहा कि खेल भी पुनर्वास प्रक्रिया का महत्वपूर्ण हिस्सा बन चुके हैं, और जब पूर्व नक्सली मैदान में उतरते हैं, तो यह समाज के लिए सकारात्मक संदेश देता है.
उन्होंने कहा कि “राज्य सरकार चाहती है कि जो युवा कभी हथियार उठाने को मजबूर हुए थे, वे अब खेल और सामाजिक गतिविधियों के माध्यम से अपनी नई पहचान बनाएं. बस्तर ओलंपिक इसका सबसे बड़ा उदाहरण है. इससे प्रेरित होकर आने वाले समय में और भी नक्सली आत्मसमर्पण के लिए आगे आएंगे.”
बस्तर ओलंपिक में चार लाख से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया
इस वर्ष बस्तर ओलंपिक में चार लाख से अधिक प्रतिभागियों ने रजिस्ट्रेशन कराया है. इसमें बस्तर संभाग के सात जिलों दंतेवाड़ा, कांकेर, नारायणपुर, बीजापुर, सुकमा, कोंडागांव और बस्तर के खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं. आत्मसमर्पित नक्सलियों की टीम को इस बार भी ‘नुआ बाट' नाम दिया गया है, जो उनके ‘नए रास्ते' पर चलने के प्रतीक के रूप में देखा जा रहा है.
स्थानीय लोग और अधिकारी भी इसे सामाजिक बदलाव की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम मान रहे हैं. जगदलपुर में होने वाला यह आयोजन न केवल खेल प्रतिभा को पहचान देने का मंच है, बल्कि नक्सल प्रभावित इलाकों में शांति, विश्वास और विकास का नया संदेश भी दे रहा है.
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