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छत्तीसगढ़ के इस जिले में बनेगा गौ अभ्यारण्य, 1500 मवेशियों को एक साथ रखने की होगी व्यवस्था, ऐसे चल रही है तैयारी 

Balodabazar News: छत्तीसगढ़ के बलौदा बाजार की गौशालाओं की क्षमता वृद्धि करने की तैयारी की जा रही है. प्रत्येक गौशाला में 1500-1500 मवेशियों को रखने की व्यवस्था होगी.

छत्तीसगढ़ के इस जिले में बनेगा गौ अभ्यारण्य, 1500 मवेशियों को एक साथ रखने की होगी व्यवस्था, ऐसे चल रही है तैयारी 

Chhattisgarh News: छत्तीसगढ़ के बलौदाबाजार (Balodabazar District) जिले में गौ अभ्यारण्य बनाने की तैयारी चल रही है. इसके लिए जिला प्रशासन ने योजना बनाकर तैयारी भी शुरू कर दी है. काम भी जल्द ही शुरू हो जाएगा. गौ अभ्यारण्य बन जाने से आवारा मवेशियों की समस्या से लोगों को काफी हद तक राहत मिलेगी. आइए जानते हैं प्रशासन ने किस तरह की प्लानिंग की है. 

समस्या से निजात दिलाने होगा काम

छत्तीसगढ़ सरकार की बड़ी समस्यायों में से एक समस्या इन दिनों सड़कों पर खुले में छोड़े गए मवेशी हैं. इनकी वजह से बड़ी संख्या में लोग जहां एक तरफ सड़क दुर्घटना के शिकार होकर घायल और जान गंवा रहे हैं. इन सब के बीच मवेशियों को सही जगह पर व्यवस्थित कर लोगों को राहत देने के लिए अध्ययन शुरू हो गया है. जिले में मवेशियों की समस्या को देखते हुए बलौदा बाजार कलेक्टर दीपक सोनी नवाचार कर रहे हैं जो जल्द ही मूर्त रूप लेगा. सड़कों पर राहगीरों को और खेतों में किसानों के धान की फसल को सुरक्षा करने के दृष्टिकोण से यह एक सार्थक प्रयास होगा.

कलेक्टर सोनी के पास किसानों ने लगातार शिकायत कर मवेशियों से राहत दिलाने की मांग की है. इस समस्या के समाधान के लिए कलेक्टर दीपक सोनी ने विभिन्न विभाग के अधिकारियों से चर्चा और सलाह करने के बाद, अब इसे अमलीजामा पहनाने का काम शुरू हुआ है. 

शुरुआत जिले की गौशाला में क्षमता वृद्धि से किया जाएगा. इसके बाद बचे हुए मवेशियों के लिए गौ अभ्यारण्य बनाया जाएगा. इसके लिए वन विभाग को कार्ययोजना बनाने और जमीन की तलाश करने के निर्देश दिए गए हैं. जहां सुरक्षित रखकर मवेशियों से सड़क पर चलने वाले लोगों को बचाया जा सकेगा. इसके लिए टोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा. साथ ही मवेशियों को घास चरने के लिए चारागाह की चरौनी भूमि सुरक्षित की जाएगी.

बेमेतरा और चेन्नई का भ्रमण किया गया

सड़क से मवेशियों को हटाने के लिए इनोवेशन करने से पहले जिन जगहों पर मवेशियों को व्यवस्थित करने का काम किया गया है उन शहरों का अधिकारी जायजा ले रहे हैं. इसी क्रम में छत्तीसगढ़ के बेमेतरा जिले का अधिकारियों ने दौरा किया है। साथ ही तमिलनाडु राज्य की राजधानी चेन्नई में जिस तरह से खुले में छोड़े गए मवेशियों से लोगों को बचाने के लिए काम किया गया है उस पर भी अध्ययन चल रहा है.

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जिले में 7 गौशाला हैं 

बलौदा बाजार जिले में  7 गौशाला हैं. इन गौशालाओं की क्षमता वृद्धि करने की तैयारी की जा रही है. प्रत्येक गौशाला में 1500-1500 मवेशियों को रखने की व्यवस्था होगी. इसके साथ ही किसानों से खरीफ की फसल धान और रवि की फसल गेंहू से निकलने वाले पैरावत और भूसा को जलाने पर पूरी तरह से प्रतिबंधित कर दी जाएगी.

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पिछली सरकार ने चलाई थी योजना 

दरअसल प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने सड़क पर घूमने वाले और फसलों को नुकसान पहुंचाने वाले मवेशियों से लोगों की जान और धान को बचाने के लिए नरवा, गरुआ, घुरुवा, बारी के साथ ही रोका छेका गौठान की व्यवस्था की थी.

इसके लिए सभी ग्राम पंचायत में स्थित सरकारी जमीन से कब्जा हटाकर करोड़ों रुपए खर्च कर गौठान बनाए गए. हालांकि जैसे ही प्रदेश में सरकार बदली व्यवस्था भी बदल गई.

अब गौठान में पिछली सरकार द्वारा भ्रष्टाचार किए जाने की बात कही जा रही है. लेकिन फिलहाल प्रदेश की सरकार के पास ऐसी कोई योजना नहीं है जो सड़कों पर राहगीर को और खेतों में किसानों की फसल को सुरक्षा दी जा सके. खुले में घूम रहे मवेशियों से फसल बर्बाद हो रहा है जिससे परेशान किसान तरह तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.

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