CG News In Hindi : छत्तीसगढ़ के बालौदा बाजार से कर्मचारियों की लापरवाही से जुड़े मामले पर अपडेट है. डीएम के निर्देश पर एक्शन लिया गया.बता दें, त्रिस्तरीय पंचायत और नगर पालिका चुनाव-2024-25 के प्रथम चरण के प्रशिक्षण में बिना सूचना अनुपस्थित रहने वाले 15 सेक्टर अधिकारियों और 165 मतदान कर्मियों पर गाज गिरी है. जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश पर उप जिला निर्वाचन अधिकारी ने सभी को कारण बताओ नोटिस जारी किया. निर्वाचन प्रक्रिया के सुचारू संचालन के लिए प्रशिक्षण अनिवार्य है.
कर्तव्य के प्रति उदासीनता
अनुपस्थित रहना न केवल कर्तव्य के प्रति उदासीनता है, बल्कि चुनावी प्रक्रिया को बाधित करने जैसा गंभीर अपराध है. निर्वाचन कार्यालय के अनुसार, अनुपस्थित कर्मियों में नगरीय निकाय क्षेत्र के 23 और जनपद पंचायत क्षेत्र के 142 कर्मचारी शामिल हैं. ये कर्मचारी नगर पंचायत कसडोल, पलारी, रोहांसी, लवन, और नगर पालिका परिषद भाटापारा से थे. इसी तरह, जनपद पंचायत क्षेत्र में कसडोल, बलौदाबाजार, भाटापारा, सिमगा और पलारी के कर्मचारी शामिल हैं.
प्रशिक्षण की जानकारी के बाद अनुपस्थित रहे
चुनाव आयोग द्वारा यह सुनिश्चित करने के प्रयास किए जा रहे हैं कि चुनाव प्रक्रिया निष्पक्ष और निर्बाध रूप से संचालित हो. इसके लिए प्रशिक्षण की जानकारी पहले ही पत्र के माध्यम से दी गई थी, बावजूद इसके, 20 और 22 दिसंबर को आयोजित प्रशिक्षण में बड़ी संख्या में कर्मचारी अनुपस्थित रहे. ऐसे में कर्मियों की अनुपस्थिति को गंभीरता से लिया गया. निर्वाचन प्रक्रिया और पदेन कर्तव्यों के प्रति गंभीर लापरवाही माना गया.
तीन दिन में देना होगा जवाब
नगरीय निकाय क्षेत्र में नगर पंचायत कसडोल से 3, पलारी से 2, रोहांसी से 3, लवन से 3 और नगर पालिका परिषद भाटापारा से 12 और जनपद पंचायत क्षेत्र में कसडोल से 41, पलारी से 1, बलौदा बाजार से 59, भाटापारा से 28 और सिमगा से 13 अधिकारी अनुपस्थित रहे. जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा है कि अनुपस्थित कर्मियों की यह लापरवाही न केवल चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित करती है, बल्कि प्रशासनिक दायित्वों का भी उल्लंघन है. जारी नोटिस में तीन दिनों के भीतर सभी कर्मियों से जवाब मांगा गया. यदि उत्तर संतोषजनक नहीं पाया गया, तो संबंधित कर्मियों के खिलाफ निर्वाचन अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाएगी.
प्रभावित हो सकती है, चुनाव प्रक्रिया
चुनाव आयोग के निर्देशों के तहत सभी कर्मियों का प्रशिक्षण, जिम्मेदारियों का निर्धारण और चुनावी प्रक्रिया की तैयारी सुनिश्चित की गई थी. इतनी बड़ी संख्या में अनुपस्थिति से चुनाव प्रक्रिया पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है. इसे देखते हुए जिला प्रशासन ने इसे गंभीरता से लिया है, और सख्त कदम उठाने का फैसला किया. प्रशिक्षण का उद्देश्य कर्मियों को उनकी भूमिकाओं और जिम्मेदारियों के प्रति तैयार करना है. प्रशिक्षण से अनुपस्थिति न केवल प्रशासनिक कर्तव्यों की अनदेखी है, बल्कि लोकतांत्रिक प्रक्रिया को भी कमजोर करने की कोशिश है.
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