
Women Empowerment: ये बिलासपुर जिले के मिट्ठू नवागांव की अनीता गंधर्व हैं, जिन्हें अब लोग “रानी मिस्त्री” के नाम से जानते हैं. अनीता उन चुनिंदा महिलाओं में से हैं, जिन्होंने न केवल मिस्त्री जैसा कठिन और पारंपरिक रूप से पुरुषों के लिए आरक्षित काम को चुना, बल्कि उसे बखूबी निभाया भी. घर की जिम्मेदारियों के साथ-साथ गांव की अन्य महिलाओं को भी प्रेरित किया और उन्हें रोजगार से जोड़ा. उनके नेतृत्व में महिला कुली और महिला हेल्पर भी निर्माण कार्यों में हिस्सा ले रही हैं. अनीता गंधर्व के हाथों की कलाकारी न केवल दूसरों का घर बनाया बल्कि अपने स्वयं के घर का निर्माण भी किया. 5 से 6 साल के अनुभव के साथ अब उनके हाथों की कलाकारी और फिनिशिंग हर काम में साफ दिखती है.
पति और ससुर ने हर कदम पर दिया साथ
अनीता बताती हैं कि यह राह आसान नहीं थी. लेकिन उनके पति और ससुर ने हर कदम पर उनका साथ दिया, साथ ही गांव के सरपंच ने उन्हें स्वच्छ भारत मिशन अंतर्गत घर-घर में शौचालय निर्माण कार्य के लिए जिम्मेदारी दी. गांव में बनाए गए शौचालय के साथ-साथ अब इनको आसपास के गांव से भी घर बनाने का काम मिलता है और यह बखूबी उस काम को पूरा करती हैं. जिससे इनकी आमदनी भी अच्छी-खासी होती है. परिवार का यह सहयोग उनकी सफलता की नींव बन गया.
जिला पंचायत के सीईओ संदीप अग्रवाल का कहना है कि "अनीता गंधर्व जैसी महिलाएं हमें बताती हैं कि अगर संकल्प हो, तो कोई भी काम असंभव नहीं होता. उन्होंने यह साबित किया कि ग्रामीण महिलाएं भी आत्मनिर्भर और आर्थिक रूप से सशक्त बन सकती हैं – बस ज़रूरत है समर्थन और एक मौके की."
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