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हालत खस्ता... आंगनबाड़ी केंद्र पर लगा रहता है ताला, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई

Chhattisgarh News: एमसीबी जिले में लोगों को बहुत परेशानी हो रही है. यहां का आंगनबाड़ी केंद्र कई दिनों से बंद पड़ा है. लेकिन, प्रशासन इसको लेकर कोई कदम नहीं उठा रहा है. 

हालत खस्ता... आंगनबाड़ी केंद्र पर लगा रहता है ताला, शिकायत के बाद भी नहीं हुई कोई कार्रवाई
कई महीनों से लगा है आंगनबाड़ी केंद्र पर ताला

Aanganbadi Kendra: सरकारी बच्चों को कुपोषण मुक्त और शिक्षित करने के लिए हर साल लाखों रुपए खर्च कर रही है, लेकिन यह सिर्फ कागजी आंकड़ों में सिमट कर रह गई है. बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है, लेकिन विभागीय अधिकारी मामले से अनजान बने हुए हैं. हम बात कर रहे हैं एमसीबी (MCB) जिले के जनकपुर ब्लॉक के ग्राम पंचायत ओहनिया आंगनबाड़ी केंद्र ओदरागडई की, जो महीने में मात्र एक दिन ही खुलता है. 

नहीं आते अधिकारी-ग्रामीणों ने लगाया आरोप 

इलाके के ग्रामीणों ने कहा कि अधिकारी कभी आंगनबाड़ी केंद्र पर जांच करने नहीं आते हैं कि वहां क्या चल रहा है. इसकी जांच करने जब टीम वहां पहुंची, तो सुबह के 11 बजे तक भी आंगनबाड़ी केंद्र में ताला बंद था. आंगनबाड़ी केंद्र के आसपास एक भी बच्चा दिखाई नहीं दे रहा था. आसपास पता करने पर जानकारी मिली कि सहायिका श्यामकली सिंह के पास आंगनबाड़ी केंद्र की चाबी है. बुलाए जाने पर सहायिका ने आंगनबाड़ी केंद्र का ताला खोला. जहां दरवाजा में एक नोटिस लगा हुआ था. आंगनबाड़ी कार्यकर्ता अनूपा यादव ने 3 दिन की छुट्टी के लिए आवेदन लिखा हुआ था जिसमें तारीख थी 23 जुलाई से 25 जुलाई 2024 तक. 24 अगस्त तक यह नोटिस दरवाजे पर ही चस्पा रहा. 

नहीं दिया जा रहा पोषण आहार

ग्रामीणों ने कहा कि आंगनबाड़ी केंद्र में आने वाले बच्चों के लिए कभी भी खाना नहीं बनता है. ज्यादातर आंगनबाड़ी केंद्र खुलता भी नहीं है. जबकि, आंगनबाड़ी केंद्र में कुल 25 बच्चे हैं. आंगनबाड़ी केंद्र ओदरागडई के अंदर किसी प्रकार की खाद्य  सामग्री भी दिखाई नहीं देती है. महिलाओं का कहना है कि आंगनबाड़ी केंद्र से मिलने वाला पोषक आहार जो बच्चों और गर्भवती महिलाओं को मिलता है, वह भी महीने में एक बार ही मिलता है.

महीने में दो दिन खुलता है केंद्र

मामले में स्थानीय महिला केसकली ने कहा कि उनके दो बच्चे का नाम आंगनबाड़ी केंद्र में लिखा हुआ है लेकिन केंद्र महीने में कभी-कभी ही खुलता है. बच्चे आंगनबाड़ी केंद्र के लिए निकलते हैं लेकिन, खेलकूद कर घर वापस आ जाते हैं. बच्चे घर में आकर खाना खाते हैं क्योंकि आंगनबाड़ी केंद्र में ताला बंद रहता है. वहीं, आरती यादव ने कहा कि उन्होंने आंगनबाड़ी केंद्र को कभी खुला नहीं देखा. बच्चे आंगनबाड़ी जाते हैं लेकिन केंद्र में ताला बंद रहता है. बच्चे खेलकुद कर वापस घर आ जाते हैं.

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जारी हो चुका है नोटिस-परियोजना प्रभारी

महिला बाल विकास जनकपुर की परियोजना प्रभारी गीता गौटिया ने कहा कि आंगनबाड़ी नहीं खुलने की शिकायत पर सुपरवाइजर पहले भी नोटिस जारी कर चुकी हैं. वहीं कार्यकर्ता और सहायिका का मानदेय भी रोका गया था. उन्होंने कहा कि कार्रवाई करेंगे.

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