
Amit Shah on surrender of Naxalites: भारत को नक्सलवाद से मुक्त बनाने की दिशा में बीते 48 घंटे ऐतिहासिक रहे हैं. कुल 258 खतरनाक नक्सलियों ने हथियार डाल दिए और समाज की मुख्यधारा में लौट आए हैं. इसकी जानकारी गृह मंत्री अमित शाह ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स (X) पर पोस्ट के माध्यम से दी है.
गृह मंत्री अमित शाह ने अपने पोस्ट में लिखा
अमित शाह ने इसे नक्सलवाद के खिलाफ लड़ाई का ऐतिहासिक क्षण बताया और कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में केंद्र सरकार इस समस्या को जड़ से समाप्त करने के लिए निरंतर काम कर रही है. उन्होंने दोहराया कि सरकार का लक्ष्य 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को पूरी तरह समाप्त करना है.
यह अत्यंत हर्ष की बात है कि एक समय आतंक का गढ़ रहे छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और नॉर्थ बस्तर को आज नक्सली हिंसा से पूरी तरह मुक्त घोषित कर दिया गया है। अब छिटपुट नक्सली केवल साउथ बस्तर में बचे हुए हैं, जिन्हें हमारी सुरक्षा बल शीघ्र ही समाप्त कर देंगे।
— Amit Shah (@AmitShah) October 16, 2025
जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में…
गृह मंत्री ने आगे कहा कि “मैं भारत के संविधान में विश्वास रखते हुए हिंसा का त्याग करने के उनके निर्णय की सराहना करता हूँ. यह इस बात का प्रमाण है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में इस समस्या को समाप्त करने के अथक प्रयासों के कारण नक्सलवाद अब अपनी अंतिम साँसें ले रहा है.”
उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि सरकार की नीति पूरी तरह पारदर्शी और दो टूक है कि “जो लोग आत्मसमर्पण करना चाहते हैं, उनका स्वागत है; लेकिन जो लोग बंदूक चलाना जारी रखेंगे, उन्हें हमारी सेना के प्रकोप का सामना करना पड़ेगा. मैं उन लोगों से भी अपील करता हूँ जो अभी भी नक्सलवाद के रास्ते पर हैं, वे अपने हथियार डालकर मुख्यधारा में शामिल हो जाएँ.”
अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर नक्सली आतंक से मुक्त घोषित
अमित शाह ने यह भी बताया कि अब छत्तीसगढ़ के अबूझमाड़ और उत्तरी बस्तर, जो कभी नक्सलियों के गढ़ माने जाते थे, नक्सली आतंक से पूरी तरह मुक्त घोषित किए जा चुके हैं. अब केवल दक्षिणी बस्तर में नक्सल गतिविधियाँ बची हैं, जिन्हें सुरक्षा बल जल्द ही समाप्त कर देंगे.
अब तक 2,100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण
गृह मंत्री ने आँकड़े साझा करते हुए कहा कि “जनवरी 2024 में छत्तीसगढ़ में भाजपा सरकार बनने के बाद से अब तक 2,100 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है, 1,785 गिरफ्तार किए गए हैं और 477 का सफाया किया गया है. ये आँकड़े इस बात का प्रमाण हैं कि 31 मार्च 2026 से पहले नक्सलवाद को जड़ से खत्म करने के हमारे संकल्प को हम पूरी दृढ़ता से पूरा करेंगे.”
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