1 करोड़ का इनामी नक्सली: खतरनाक हिड़मा का गुरु चलपति था मास्टर ट्रेनर, 37 साल छोटी लड़की के प्यार में पड़ा तो मारा गया

Naxal Trainer Chalpati Encounter: चलपति को हिड़मा के गुरु होने की बात भी कही जाती है. इतना ही नहीं, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के जितने भी बड़े कैडर बने, उनमें से अधिकांश को चलपति के नेतृत्व में प्रशिक्षण मिला है. सीआरपीएफ, ओडिशा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन लॉंच किया, जिसमें चलपति को मारने में सफलता मिली. 

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Master Trainer Chalpati

Jairam Reddy alias Chalapathi: बीते 19 फरवरी को सुरक्षाबलों के हाथों केन्द्रीय समिति के सदस्य और एक करोड़ इनामी नक्सल चलपति को सुरक्षाबलों ने ढेर कर दिया. तभी से चलपति जयराम रेड्डी उर्फ चलपति नाम का ये खूंखार नक्सली देशभर की मीडिया में सुर्खियां बटोर रहा है. अब धीरे-धीरे चलपति के बारे में जानकारियां भी बाहर आ रही हैं. नक्सलियों के पूरे संगठन में चलपति को मास्टर ट्रेनर के तौर पर जाना जाता था. वो नए-पुराने सभी नक्सलियों को ट्रेनिंग देकर क्रूर से क्रूरतम बनाता था. रणनीति बनाने में उसे महारथ हासिल था इसी वजह से 60 साल की उम्र में भी वो सेंट्रल कमेटी का सदस्य बना हुआ था.  उसकी एक लव स्टोरी भी थी. ऐसा कहा जा रहा है कि इसी वजह से वो जवानों के चंगुल में भी फंसा और मारा गया. 

नक्सल संगठन के शीर्ष नेताओं में शुमार चलपति नक्सल संगठन के सैद्धांतिक मामलों का विशेषज्ञ और रणनीतिकार चलपति को नक्सलियों का मास्टर ट्रेनर भी कहा जाता था. कहा जाता है कि अपने 37 साल छोटी उम्र की लड़की के प्यार में पड़ने के बाद हाशिए पर चला गया था.

ब्रेन वॉश करने और नक्सल से लोगों को जोड़ने में माहिर था चलपति

ब्रेन वॉश करने और नक्सल संगठन की विचारधारा से लोगों को जोड़ने में माहिर चलपति संगठन से जुड़े नए लोगों को लड़ाकू व छापामार बनाने के लिए विशेष प्रशिक्षण देने का काम करता था. कहा जाता है कि नक्सलियों के सबसे खास लड़ाकू और खतरानक नेता बन चुका चलपति ने बीजापुर के पूववर्ती गांव के रहने वाले हिड़मा को भी प्रशिक्षण दिया था

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करीब 25 साल की उम्र में नक्सल संगठन से जुड़ गया था चलपति

तेलंगाना के चिंत्तूर जिले के माटेमपल्ली गांव के रहने वाले जयराम रेड्डी ऊर्फ चलपति ने कक्षा 10वीं तक पढ़ाई की. करीब 25 साल की उम्र में नक्सल संगठन से जुड़ गया. नक्सल (माओवाद) की विचारधारा को प्रचारित-प्रसारित करने की खूबी, कुशल रणनीति, संसाधन जुटाने की क्षमता के कारण चलपति जल्द ही संगठन के शीर्ष नेताओं का चहेता बना गया.

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अरुणा और चलपति की एक फोटो भी वायरल हो रही है, जिसमें चलपति सेल्फी लेता दिख रहा है. बेटी की उम्र की लड़की अरुणा से शादी के बाद चलपति को नक्सल संगठन में डिमोट कर दिया गया, लेकिन उसकी उपयोगिता को देखने बाद में केन्द्रीय समिति का सदस्य बना दिया गया.

37 साल छोटी उम्र की लड़की को दिल हार बैठा था चलपति

कम समय में ही संगठन में शीर्ष पदों पर पहुंचा चलपति साल 2014-15 में अचानक संगठन में हाशिए पर आ गया, क्योंकि वो संगठन में छोटे कैडर की अरुणा नाम की लड़की के प्यार में पड़ गया. उम्र में करीब 37 साल छोटी अरुणा से साल 2014 में चलपति ने शादी कर ली. शीर्ष कैडर के नक्सल नेताओं ने इस शादी का विरोध किया, लेकिन चलपति नहीं माना.

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चलपति को हिड़मा के गुरु होने की बात भी कही जाती है. इतना ही नहीं, छत्तीसगढ़ में नक्सलियों के जितने भी बड़े कैडर बने, उनमें से अधिकांश को चलपति के नेतृत्व में प्रशिक्षण मिला है. सीआरपीएफ, ओडिशा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन लॉंच किया, जिसमें चलपति को मारने में सफलता मिली. 

नक्सल संगठन के विस्तार के लिए ओडिशा ट्रांसफर किया गया

चलपति ने नक्सल संगठन में लंबा समय बस्तर के अबूझमाड़ में नक्सलियों के ट्रेनर के रूप में बिताया, लेकिन सूत्र बताते हैं कि पिछले कुछ महीनों में बस्तर में सुरक्षा बलों के लगातार बढ़ते दबाव के चलते अबूझमाड़ में संगठन का विस्तर करने में हो रही परेशानी को देखते हुए चलपति का ट्रांसफर ओडिशा कर दिया गया.

ऐसे हुआ  नक्सल मास्टर ट्रेनर जयराम रेड्डी उर्फ चलपति का अंत

ओडिशा का संगठन प्रमुख मॉडम बालकृष्णा ऊर्फ मनोज 16 सदस्यीय अपनी टीम के साथ खुद चलपति को लेने निकला. इसी दौरान नक्सलियों के सेफ व रेस्ट जोन कहे जाने वाले कुल्हाड़ी घाट व आस-पास के इलाके में चलपति व उसकी टीम की मौजूदगी की सूचना सुरक्षा बल के जवानों को मिली और सीआरपीएफ, ओडिशा पुलिस के स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप और छत्तीसगढ़ पुलिस की संयुक्त टीम ने ऑपरेशन लॉंच किया, जिसमें चलपति को मारने में सफलता मिली. 

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संगठन को उम्मीद थी कि ओडिशा में पार्टी का विस्तार करने में ज्यादा दबाव नहीं झेलना होगा. चलपति को नक्सल संगठन के ओडिशा का प्रमुख बनाया गया. इस तबादले के चलते ही चलपति अपनी सुरक्षा टीम के साथ अबूझमाड़ से कांकेर, गरियाबंद होते हुए ओडिशा दाखिल हो रहा था.

बस्तर के अबूझमाड़ के घने और दुर्गम जंगलों में सक्रिय था चलपति

. नक्सलियों के बड़े हमलों की साजिश रचने में भी चलपति मास्टर माइंड था. चलपति हर वक्त AK-47 और SLR जैसी आधुनिक हथियार से लैस रहता था, उसकी सुरक्षा में 8 से 10 गार्ड हमेशा तैनात रहते थे. कुल्हाड़ी घाट मुठभेड़ में जिन 15 नक्सलियों का शव बरामद किया गया है, उनमें से शंकर, सुखराम समेत 4 को चलपति का सुरक्षा गार्ड बताया गया है.

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