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This Article is From Apr 23, 2025

TCS Hike : केंद्र सरकार ने जनता को दिया एक और बड़ा झटका, लग्जरी सामानों पर इतने प्रतिशत टैक्स में की वृद्धि

TCS Hike News Update: सीबीडीटी अधिसूचना में कहा गया है कि लग्जरी सामानों की इस सूची पर कर 22 अप्रैल, 2025 से बढ़ी हुई दर से टैक्स वसूला जाएगा. इससे पहले जुलाई 2024 के बजट में लग्जरी सामानों पर टीसीएस की घोषणा की गई थी.

TCS Hike : केंद्र सरकार ने जनता को दिया एक और बड़ा झटका, लग्जरी सामानों पर इतने प्रतिशत टैक्स में की वृद्धि

TCS Hike News: केंद्र सरकार  ने देशभर में लग्जरी सामानों पर टैक्स बढ़ाकर एक बार फिर जनता को बड़ा झटका दिया है. दरअसल, केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड ने 10 लाख रुपये से अधिक कीमत वाले लग्जरी सामानों जैसे कलाई घड़ी, हैंडबैग, धूप का चश्मा, जूते और स्पोर्ट्स वियर पर एक प्रतिशत स्रोत पर कर संग्रह (टीसीएस) को तत्काल प्रभाव से लागू करने के लिए नए नियमों को अधिसूचित किया है. कला वस्तुएं जैसे पेंटिंग और मूर्तियां, नौकाएं, होम थिएटर सिस्टम और रेसिंग या पोलो के लिए घोड़े भी इस सूची में शामिल हैं.

सीबीडीटी अधिसूचना में कहा गया है कि लग्जरी सामानों की इस सूची पर कर 22 अप्रैल, 2025 से बढ़ी हुई दर से टैक्स वसूला जाएगा. इससे पहले जुलाई 2024 के बजट में लग्जरी सामानों पर टीसीएस की घोषणा की गई थी. बजट 2024 ज्ञापन में कहा गया था कि लग्जरी सामानों पर टीसीएस एक जनवरी, 2025 से लागू होगा. 

इन सामान भी हुए महंगे

इसके बाद केंद्रीय बजट 2024-25 में एक संशोधन लाया गया था, जिसके तहत 10 लाख रुपये या उससे अधिक कीमत वाले मोटर वाहनों या केंद्र सरकार द्वारा निर्दिष्ट किसी अन्य सामान के विक्रेताओं से खरीदार से एक प्रतिशत टीसीएस वसूलने की अपेक्षा की जाएगी. हालांकि, इस कदम को लागू करने की अधिसूचना जारी नहीं की गई थी. 

यह होगा फायदा

सरकार के इस फैसले पर संदीप झुनझुनवाला का ने कहा कि यह अधिसूचना उच्च मूल्य वाले विवेकाधीन व्यय की निगरानी बढ़ाने और लक्जरी सामान खंड में ऑडिट ट्रेल को मजबूत करने के सरकार के इरादे को दिखाता है. इसके सात ही यह कर आधार का विस्तार करने और अधिक वित्तीय पारदर्शिता को बढ़ावा देने के व्यापक नीतिगत उद्देश्य को दर्शाता है.

खरीदारों पर रखी जाएगी निगाह

 विक्रेताओं को अब टीसीएस प्रावधानों का समय पर अनुपालन सुनिश्चित करना होगा, जबकि अधिसूचित लक्जरी सामान के खरीदारों को खरीद के समय बढ़ी हुई केवाईसी आवश्यकताओं और दस्तावेज़ीकरण की परेशानियों का सामना करना पड़ सकता है. वहीं, डेलोइट इंडिया के पार्टनर आलोक अग्रवाल ने कहा कि जिन वस्तुओं की बिक्री मूल्य 10 लाख रुपये से अधिक है, उन अधिसूचित वस्तुओं के पूरे मूल्य पर 1 प्रतिशत की दर से टीसीएस लागू होगा. इस कदम के पीछे का उद्देश्य विलासिता की वस्तुओं पर बढ़ते खर्च को देखते हुए कर के दायरे को व्यापक किया गया है. इससे शुरू में उन एचएनआई से अधिक पूछताछ हो सकती है, जो इन वस्तुओं को खरीद रहे हैं और कर रिटर्न दाखिल नहीं कर रहे हैं या अपने कर रिटर्न में कर योग्य आय की उच्च मात्रा की रिपोर्ट नहीं कर रहे हैं.

वहीं, AKM ग्लोबल के टैक्स पार्टनर अमित माहेश्वरी का कहना है कि "कलाई की घड़ियां, कलाकृतियां, प्राचीन वस्तुएं, नौकाएं और संग्रहणीय वस्तुएं (10 लाख रुपये से अधिक) जैसी उच्च मूल्य वाली वस्तुओं को 1 प्रतिशत की दर से टीसीएस ढांचे में लाकर, सरकार कर के दायरे को केवल मोटर वाहनों से आगे बढ़ा दिया है. 

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