
Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana: 11 साल पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत को यह वादा दिया था कि कोई भी गरीब परिवार बैंकिंग की दुनिया से बाहर नहीं रहेगा. इसी दिशा में 'जन धन' योजना (पीएमजेडीवाई) के रूप में एक परिवर्तनकारी पहल की शुरुआत हुई. यह योजना भारत के वित्तीय क्षेत्र में एक बड़ा बदलाव लेकर आई. 'जन धन' योजना की 11वीं वर्षगांठ पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि 'जन धन' योजना ने लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी.
PM मोदी ने क्या कहा?
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि पीएमजेडीवाई ने वित्तीय समावेशन को अंतिम व्यक्ति तक पहुंचाकर लोगों को गौरवान्वित किया है. 'माय गवर्नमेंट इंडिया' की ओर से सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म 'एक्स' पर किए गए एक पोस्ट का जवाब देते हुए पीएम मोदी ने लिखा, "जब अंतिम व्यक्ति वित्तीय रूप से जुड़ा होता है, तो पूरा देश एक साथ आगे बढ़ता है. प्रधानमंत्री जनधन योजना ने ठीक यही हासिल किया. इसने सम्मान बढ़ाया और लोगों को अपना भाग्य खुद लिखने की शक्ति दी."
यही नहीं, 'जन धन' योजना (पीएमजेडीवाई) खातों में कुल जमा राशि 2,67,756 करोड़ रुपए तक पहुंच चुकी है. जहां खातों की संख्या तीन गुना बढ़ी, वहीं कुल जमा राशि में लगभग 12 गुना वृद्धि हुई है.
आंकड़े क्या कहते हैं?
वित्त मंत्रालय के अनुसार, 13 अगस्त 2025 तक प्रति खाता औसत जमा राशि 4,768 रुपए है. अगस्त 2015 की तुलना में प्रति खाता औसत जमा राशि में 3.7 गुना वृद्धि हुई. इसके अलावा, पीएमजेडीवाई खाताधारकों को 38.68 करोड़ रुपे कार्ड जारी किए गए. योजना के 11 साल पूरे होने पर केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारामण ने अपने संदेश में कहा कि वित्तीय समावेशन आर्थिक वृद्धि और विकास का एक प्रमुख चालक है. बैंक खातों तक सार्वभौमिक पहुंच गरीबों और वंचित वर्ग के लोगों को औपचारिक अर्थव्यवस्था में पूरी तरह से भाग लेने और इसके अवसरों का लाभ उठाने में सक्षम बनाती है.
यह भी पढ़ें : OBC Reservation: 27% ओबीसी आरक्षण पर सर्वदलीय बैठक; पिछड़ा वर्ग को लेकर कैसे बनेगी बात
यह भी पढ़ें : CGPSC Exam: कांग्रेस ने उठाई CBI जांच की मांग, छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग को लेकर PCC चीफ ने लगाए गंभीर आरोप
यह भी पढ़ें : Voter Adhikar Yatra: बिहार में PM मोदी के खिलाफ राहुल गांधी का बयान; MP के मंत्री ने दिया ऐसा जवाब
यह भी पढ़ें : Ayushman Yojana: 'आयुष्मान' का भुगतान शुरू ; छत्तीसगढ़ में 1000 प्राइवेट हॉपिटल्स के 900 करोड़ रुपये अटके