
Gold ETF Returns: पूरी दुनिया में, खासतौर से भारत में लोगों के लिए गोल्ड या सोना निवेश का एक अच्छा तरीका माना जाता है. जानकार इसको लेकर कहते हैं कि सोना एक मात्र ऐसी संपत्ति है, जो किसी और की देनदारी नहीं है. सोने को एसेट यानी परिसंपत्ति माना जाता है. जब किसी परिसंपत्ति (Asset) वर्ग पर बात होती है, तो सोना (Gold Investment) एक ऐसी परिसंपत्ति है, जिसने अपना मूल्य कई दशकों से कई गुना बढ़ाया है. ताजा भाव (Latest Prices Gold) की मानें, तो सोना प्रति 10 ग्राम 90 हजार के पार पहुंच चुका है.

सोने के लगातार बढ़ते भाव
भारत में सोने में जिस रफ्तार से निवेश बढ़ा है, उससे ज्यादा तेजी से इसके भाव लगातार बढ़ रहे हैं. पिछले एक महीने में ही सोने के भाव एक हजार रुपये से ज्यादा बढ़े हैं. अगर 24 मार्च 2025 को सोने के भाव की बात करें, तो 24 कैरेट गोल्ड की 10 ग्राम की कीमत दिल्ली में 90,670 रुपये है. अगर 22 कैरेट गोल्ड की बात करें, तो इसकी 10 ग्राम की कीमत लगभग 85 हजार रुपये हैं. एक महीने पहले दिल्ली में 24 कैरेट गोल्ड की कीमत 89,165 रुपये थी. 1 मार्च 2025 को पिछले एक महीने में सबसे कम कीमत, यानी 87,450 रुपये दर्ज की गई थी. लेकिन, उसके बाद से लगातार गोल्ड की कीमतें बढ़ती जा रही है. आइए आपको इसके पीछे की मुख्य वजह बताते हैं.

क्यों बढ़ रहे सोने के भाव?
गोल्ड के दामों में बढ़ोतरी का कारण भारतीय स्तर से ज्यादा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर हलचल के कारण है. विशेषज्ञों का मानना है कि सोने का भाव में बढ़ोतरी का सबसे बड़ा कारण अमेरिका ही है. वहां हो रही हलचल का असर विदेशी इकोनॉमी में देखने को मिल रहा है. हाल ही में अमेरिका ने ईरान को भी चेतावनी दी है कि अगर ईरान के हौती विद्रोही यमन पर हमला करते हैं, तो अमेरिका इस हमले का जवाब जरूर देगा. साथ ही, मध्य पूर्व में अब तक सबसे बड़े सैन्य अभियान की शुरुआत अमेरिका ने की है. इसके कारण वैश्विक अस्थिरता बढ़ गई है.
सोना और भारतीय इक्विटी
आंकड़ों की मानें, तो अप्रैल 2007 से फरवरी 2025 तक निफ्टी-50 इंडेक्स ने हर साल औसतन 10.51 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. जबकि, निफ्टी-50 और सोने के पोर्टफोलियो ने 12.30 प्रतिशत का रिटर्न दिया है. इससे ये साफ नजर आता है कि गोल्ड ने लोगों को एक अच्छा रिटर्न निकालकर दिया है.

सोने में निवेश बेहतर विकल्प
शेयर बाजार के विशेषज्ञ बताते हैं कि बाजार में पैसे निवेश करने से ज्यादा बेहतर और सुरक्षित विकल्प सोने में निवेश करना है. गोल्ड के रिटर्न के आंकड़ों पर नजर डालें, तो पिछले 5 से 10 साल में सोने ने शेयर बाजार से लगभग दोगुना रिटर्न दिया है. खासतौर से ईटीएफ गोल्ड ने... गहने, बिस्किट या अन्य किसी रूप में सोना ज्यादा फायदेमंद शायद न हो, लेकिन ईटीएफ के रूप में ये एक बेहतर विकल्प हो सकता है.
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गोल्ड ईटीएफ के पीछे तर्क
विशेषज्ञों की मानें, तो गोल्ड अपनी कमी और इक्विटी और डेट जैसे पारंपरिक एसेट के साथ इसके नकारात्मक सहसंबंध के कारण एक खास परिसंपत्ति वर्ग के रूप में खड़ा है. पारंपरिक रूप से कई भारतीय परिवारों के लिए पसंदीदा निवेश विकल्प सोना रहा है, लेकिन जानकार गोल्ड ईटीएफ या गोल्ड ईटीएफ फंड्स ऑफ फंड्स को चुनने पर जोर देते हैं. ऐसे इसलिए क्योंकि, इससे कोई भावनात्मक लगाव नहीं होता, शुद्धता या भंडारण की कोई चिंता नहीं रहती है. साथ ही, गोल्ड ईटीएफ अधिक तरलता और लेन-देन में आसानी प्रदान करते हैं.
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(Disclaimer: इस आर्किटल में बताए गए किसी भी तरीके या आंकड़ों की पुष्टि NDTV नहीं करता है. प्रस्तुत आंकड़ें या जानकारी केवल विशेषज्ञों द्वारा बताई गई बात पर आधारित है.)