बालाघाट: सावन के महीने में भगवान शिव की विशेष पूजा-अर्चना करने का खास महत्व है. जिसके चलते पूरे महीने शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ रहती है. खासकर सावन के पवित्र महीने में पड़ने वाले सोमवार के मौके पर शिवालयों में खासी भीड़ उमड़ती है. शास्त्रों के अनुसार, इस माह भगवान भोलेनाथ की विशेष पूजा-अर्चना करने से भगवान शिव प्रसन्न होते हैं और भक्तों की मन की मुराद पूरी करते हैं.
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शायद यही वजह है कि इस माह में कांवड़ियों द्वारा जलाशयों से पानी कावड़ में ले जाकर भगवान भोलेनाथ का जलाभिषेक कर विशेष प्रथाएं की जाती हैं. जिसका एक नजारा बालाघाट में भी देखने को मिला. जहां पिछले 11 वर्षों से चली आ रही परंपरा को निभाते हुए हर साल की तरह इस साल भी 'श्री गणेश कावड़ यात्रा' समिति द्वारा कांवड़ यात्रा निकाली गई.
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लांजी कोटेश्वर धाम के लिए जय हिंद टॉकीज गणेश मंदिर से निकली यह कांवड़ यात्रा नगर के विभिन्न मार्गों से होते हुए लांजी कोटेश्वर धाम के लिए रवाना हुई. जहां समिति प्रमुख ललित मानकर और महाकाल भक्त सयोंग कोचर के नेतृत्व में निकली इस कावड़ यात्रा में श्रद्धालुओं का भारी हुजूम देखने को मिला और कांवड़िए झूमते-नाचते गाते हुए इस यात्रा में शामिल हुए.
लांजी कोटेश्वर धाम पहुंचकर श्रद्धालु भक्तो द्वारा पंडितों की मौजूदगी में शिव महाभिषेक, महामृत्युंजय के जाप और रुद्राभिषेक किया जाएगा. वहीं पंडितों के द्वारा शिव महापुराण पाठ कराकर रात को भगवान भोले की भक्ति में जगराता किया गया जाएगा.