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This Article is From Nov 08, 2023

MP Election 2023 : असंतुष्ट दावेदारों को दिग्विजय सिंह की खरी-खरी, ईवीएम गड़बड़ी को लेकर दिए यह टिप्स

MP Election : असंतुष्ट को कड़ी चेतावनी देते हुए दिग्विजय सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा "जो कांग्रेसी टिकट मांग रहे थे और अब प्रचार के समय अपने घरों में बैठे हैं ये बात ध्यान से सुन लें कि दिग्विजय सिंह के घर का दरवाजा भी अब उनके लिए हमेशा के लिए बन्द है."

MP Election 2023 : असंतुष्ट दावेदारों को दिग्विजय सिंह की खरी-खरी, ईवीएम गड़बड़ी को लेकर दिए यह टिप्स
ग्वालियर:

Madhya Pradesh Assembly Election 2023 :  पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह (Ex CM Digvijay Singh) ने ग्वालियर विधानसभा क्षेत्र में कांग्रेस प्रत्याशी सुनील शर्मा (Congress Candidate Suneel Sharma) के चुनाव कार्यालय पहुंचकर कार्यकर्ताओं की बैठक लेते हुए पार्टी के असंतुष्ट दावेदारों को आगाह करते हुए कहा कि अगर चुनाव के दौरान वे कांग्रेस का काम नहीं कर रहे हैं और घरों में बैठे हैं तो वे यह समझ लें कि दिग्विजय सिंह के घर के दरवाजे भी अब उनके लिए सदैव के लिए बंद हैं. इसके साथ ही दिग्विजय सिंह ने कार्यकर्ताओं को ईवीएम (EVM) की गड़बड़ी रोकने के लिए जरूरी टिप्स भी दिए.

कांग्रेस की मजबूती को बताया?

तीन दिन के ग्वालियर-चंबल के दौरे पर ग्वालियर पहुंचे दिग्विजय सिंह सुबह इंटक मैदान में सुनील शर्मा के चुनाव कार्यालय पहुंचे. वहां उन्होंने कार्यकर्ताओ की बैठक ली. उन्होंने कहाकि हमने सर्वे करवाये थे. आप लोगों से भी घंटों  बात की. एआईसीसी (AICC) ने भी सर्वे करवाये थे, नाम सुनील शर्मा का आया, क्योंकि वे ही जनता के बीच लगातार घूमते रहते थे. हमें समझना होगा कि एक तो ये चुनाव धन-बल और जन-बल के बीच में है.

दिग्विजय सिंह ने कहा ये चुनाव उन लोगों के बीच में है जिन लोगों ने कांग्रेस के साथ गद्दारी की थी और वे लोग जो कांग्रेस के साथ वफादारी से खड़े हुए हैं. ये चुनाव जन-बल बनाम धन-बल और गद्दार बनाम ईमानदार का है.


पूर्व मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि 2018 की तुलना 2023 से की जाए तो तब कमलनाथ को 5 महीने मिले थे, चुनाव लड़वाने के लिए. तब संगठन भी तैयार नहीं था, जितना होना चाहिए था और भाजपा (BJP) में तीन गुट (महाराज भाजपा, शिवराज भाजपा और नाराज भाजपा) नहीं थे. तब एक भाजपा थी, इसका लाभ हमें मिल रहा है. तीसरी बात अब 2023 में कमलनाथ जी को 5 साल मिले संगठन को खड़ा करने के लिए. उन्होंने सेक्टर, मंडलम, बीएलए बगैरह सब बना लिए. आज हमारी तैयारी पहले से ज्यादा है कि नहीं? और शिवराज के खिलाफ उतनी नाराजी 2018 में नहीं थी जो आज है. भाजपा भी इतनी बिखरी हुई नहीं थी, जितनी आज है.

"ग्वालियर का उम्मीदवार महाराज भाजपा का"

दिग्विजय सिंह ने मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर का बगैर नाम लिए कहा कि यहां का उम्मीदवार महाराज भाजपा का है. तो शिवराज भाजपा और नाराज भाजपा तो बत्ती देगी और मानकर चलो कि दे रही है. तो उप चुनाव (By Election) और 2018 का जो गैप था, वह बदलकर हमारे पक्ष में हो गया है. दिग्विजय सिंह ने कहा कि जो 66 सीटें मुझे मिलीं थी उनमे से एक ये भी है. ग्वालियर जहां मैं खड़ा हूं, यहां मेरी प्रतिष्ठा भी लगी हुई है. ये इंटक का इलाका है, ये मजदूर और मालिक के खिलाफ हैं. भाजपा ने जितना नुकसान मजदूरों का किया दूसरा कोई कर नहीं रही. इंटक लगातार संघर्ष कर रहा है. यहां तक कि भारतीय मजदूर संघ भी नाराज है. ट्रेड यूनियन के सारे अधिकार छीन लिए, पहले यूनियन बनाने की बाध्यता थी अब कोई यूनियन बना नहीं सकता. हर साल देश में मिल मालिक, सरकार और श्रमिक की राष्ट्रीय संगोष्ठी होती थी, लेकिन 9 साल से मोदी सरकार (Modi Government) ने यह नहीं की, क्योंकि श्रमिकों के हित के 44  कानून खत्म करके मिल मालिकों के हित में चार कोड लागू कर दिए गए. 

असंतुष्ट को कड़ी चेतावनी देते हुए दिग्विजय सिंह ने दो टूक शब्दों में कहा "जो कांग्रेसी टिकट मांग रहे थे और अब प्रचार के समय अपने घरों में बैठे हैं ये बात ध्यान से सुन लें कि दिग्विजय सिंह के घर का दरवाजा भी अब उनके लिए हमेशा के लिए बन्द है."

ईवीएम घपले को रोकने के टिप्स 

दिग्विजय सिंह ने एक फिर ईवीएम को कटघरे में खड़ा किया. उन्होंने कहाकि भाजपा बेईमानी करती है. ये वोटर लिस्ट (Voter List) में बेईमानी क़रती है, ये मशीन में भी गड़बड़ी करती है, भाजपा का वोट बढ़ा सकती है, क्योंकि जिस मशीन में चिप डली हो वो मशीन चलाने वाले का आदेश नहीं मानेगी, बल्कि जो सॉफ्टवेयर डाला गया है उसके अनुसार चलेगी. यह हमारे शक की पुष्टि करता है क्योंकि किसी भी देश में ईवीएम से चुनाव नहीं होता. पाकिस्तान और बांग्लादेश ने भी खत्म कर दिया लेकिन ठीक है हम बर्दाश्त करेंगे. एक बात याद रखिये वोटर लिस्ट की गड़बड़ी तो हम सबने मुश्तैदी से चेक कर ली, लेकिन अब चुनाव के दिन ये ध्यान रखना है कि ईवीएम में सॉफ्टवेयर के जरिये भाजपा के वोट बढ़ाये जा सकते हैं.  इसलिए प्रसोडिंग अधिकारी को 17 सी प्रोफार्मा दिया जाता है.

दिग्विजय सिंह ने कहा मतदान बंद होने के बाद चेक करें कि मतदान करने वाले रजिस्टर की संख्या और ईवीएम पर पड़े वोट, दोनों समान हैं कि नहीं. अगर समान नहीं हैं तो वहीं तत्काल रिपोलिंग की मांग करो और पीसीसी को अपने बूथ की सूचना करो इसके अलावा प्रेस कॉन्फ्रेंस कर इस घपले को तत्काल उजागर कर दें.

दिग्विजय आगे कहते हैं कि हम लोग तत्काल रीपोल करा देंगे. अगर वोटर लिस्ट और ईवीएम की हेराफेरी रोक ली तो कांग्रेस पार्टी को कोई हरा नहीं सकता.

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