Madhya Pradesh Assembly Election 2023: 2022 के उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी (Bahujan samaj party)का प्रदर्शन बहुत खराब था लेकिन डेढ़ साल बाद पड़ोसी मध्यप्रदेश में वो सारे 230 सीटों पर गोंडवाना गणतंत्र पार्टी (गोंगपा) के साथ गठबंधन में चुनाव लड़ रही है.विश्लेषक मानते हैं कि यूपी की सीमा से लगे विंध्य, ग्वालियर-चंबल और बुंदेलखंड में लगभग 15 सीटों पर बसपा गठबंधन (BSP alliance)कांग्रेस-बीजेपी के गणित को धवस्त कर सकती है.इस बार अपने परंपरागत वोट बैंक के अलावा बीएसपी की उम्मीदों की बड़ी वजह वो उम्मीदवार हैं जो कांग्रेस-और बीजेपी से बागी होकर हाथी पर सवार हुए हैं. विंध्य में सतना सीट से बीजेपी के बागी रत्नाकर चतुर्वेदी (Ratnakar Chaturvedi)उम्मीदवार हैं, तो नागौद से कांग्रेस के बागी और पूर्व विधायक यादवेंद्र सिंह उम्मीदवार हैं. चित्रकूट से बीजेपी के बागी सुभाष शर्मा उम्मीदवार हैं, सिंगरौली सीट से भी बीजेपी के बागी चंद्रप्रताप विश्वकर्मा (Chandrapratap Vishwakarma) हाथी पर बैठ गये हैं.
उसी मुरैना जिले में बीजेपी के पूर्व मंत्री रुस्तम सिंह के बेटे राकेश सिंह बसपा के उम्मीदवार हैं. भिंड जिले में बसपा उम्मीदवार संजीव कुशवाह मुकाबले को त्रिकोणीय बना रहे हैं. पूर्व विधायक नरेंद्र कुशवाह (बीजेपी) और चौधरी राकेश चतुर्वेदी (कांग्रेस) उनके खिलाफ हैं. संजीव ने 2018 का चुनाव बसपा के टिकट पर उसी सीट से जीता था, लेकिन जुलाई 2022 में अपनी पुरानी पार्टी बीजेपी में लौट आए. हालांकि इस बार बीजेपी ने टिकट नहीं दिया तो फिर बसपा उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ रहे हैं.
बुन्देलखंड में बसपा की नजर दमोह जिले की पथरिया सीट को बरकरार रखने पर है, जहां से उसकी मौजूदा विधायक रामबाई ठाकुर उम्मीदवार हैं.बसपा के प्रदेश अध्यक्ष रमाकांत पिप्पल कहते हैं - इस बार जिस तरह पूरे प्रदेश में बहुजन समाज पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ग्राउंड लेवल पर मेहनत की है ,मायावती जी ने भी सोशल इंजीनियरिंग फ़ॉर्मूले के साथ गोंडवाना गणतंत्र पार्टी के साथ मिलकर चुनाव लड़ा है उसका हमें फायदा मिलेगा. उन्होंने कहा कि हमने सर्व समाज और मज़बूत लोगों को टिकट देने का भी हमने काम किया है. BSP और गोंडवाना गणतंत्र पार्टी दोनों मज़बूत हैं और इस बार BJP या कांग्रेस किसी की भी सरकार नहीं बनेगी सिर्फ़,हमारा गठबंधन काम करेगा. ये,BJP और कांग्रेस का भ्रम है कि वह अकेले पूरी सरकार बना लेंगे ,जो हमारी पार्टी और मायावती चाहेंगी हम मिलकर निर्णय लेंगे और उनके बग़ैर किसी की भी सरकार नहीं बनेगी. बाहर से भी अगर हमारी पार्टी में कोई आया है तो सर्वे के बाद अगर वो जीतने लायक होते हैं तो ही हमारी पार्टी सोच विचार करती है.
हालांकि कांग्रेस-बीजेपी दोनों फिलहाल बसपा को चुनौती नहीं मान रहे हैं. बीजेपी के प्रदेश मंत्री राहुल कोठारी ने कहा बहुजन समाज पार्टी की स्थापना जिन मूल्यों और विचारों को लेकर हुई थी अब वो नहीं बचे हैं ,जिस राज्य यानी उत्तर प्रदेश में उनकी पकड़ थई वहां उनका सूपड़ा साफ़ हो चुका है ,केवल वसूली करने और ऐसे लोगों को सपोर्ट करने के लिए जो किसी पार्टी से टिकट नहीं ले पाते हैं ,उनको टिकट देकर अगर कोई सोचता है कि हम संवैधानिक व्यवस्था में फ़िट हो पाएंगे पूरी तरह से ग़लत बात है.
राहुल कोठारी
वहीं कांग्रेस प्रवक्ता भूपेन्द्र गुप्ता ने कहा कांग्रेस के खिलाफ़ वो पहले से चुनाव लड़ते रहे हैं.हर चुनाव में सामने आते हैं उनका जो मत प्रतिशत है वो 8 पर्सेंट से गिरकर दो पर्सेंट पर आ चुका है. कांग्रेस का उस पर कोई असर नहीं होने वाला है. ये बात ज़रूर है कि जहां जहां त्रिकोणीय फ़ाइट है वहां पर कहीं कहीं या बॉर्डर क्षेत्र में एक सीट या 2 सीट मिल सकती है. लेकिन इसका कांग्रेस पर कोई असर नहीं पड़ने वाला है.
भूपेन्द्र गुप्ता
इसके अलावा मध्यप्रदेश में सिर्फ वोट आधार नहीं है जो बसपा की उम्मीद को जीवित रखे हुए है 2018 में उसने राज्य में 2 सीटें जीतीं और छह सीटों पर दूसरे स्थान पर रही इस बार बीजेपी और कांग्रेस के कई बागी उम्मीदवारों को उसने टिकट दिया है जिससे पार्टी को लगता है कि उसे अपने काडर के अलावा उसे दूसरे तबके के वोट भी हासिल होंगे.इसके अलावा बड़ी बात ये भी है कि बसपा सुप्रोमो मायवाती ने इस बार मध्यप्रदेश में कोई तूफानी चुनावी दौरा नहीं किया, लेकिन पार्टी की रणनीति को दिशा जरूर दी है.
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