विज्ञापन
This Article is From Dec 03, 2023

ग्वालियर-चंबल संभाग में सिर चढ़कर बोला ज्योतिरादित्य सिंधिया का जादू, कांग्रेस को तगड़ा झटका

मध्यप्रदेश की सत्ता में बीजेपी की जबर्दस्त वापसी हुई है तो इसकी एक बड़ी वजह ग्वालियर-चंबल इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया फैक्टर. नतीजों में साफ दिखता है कि यहां के मतदाताओं में सिंधिया का जादू और जलवा बरकरार है.

ग्वालियर-चंबल संभाग में सिर चढ़कर बोला ज्योतिरादित्य सिंधिया का जादू, कांग्रेस को तगड़ा झटका

Madhya Pradesh Results 2023: मध्यप्रदेश की सत्ता में बीजेपी की जबर्दस्त वापसी हुई है तो इसकी एक बड़ी वजह ग्वालियर-चंबल इलाके में ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) फैक्टर. नतीजों में साफ दिखता है कि यहां के मतदाताओं में सिंधिया का जादू और जलवा बरकरार है. आलम ये रहा कि ग्वालियर जिले (Gwalior district) में 6 में एक को छोड़कर कांग्रेस कहीं खाता तक खोने में कामयाब नहीं हो रही. ग्वालियर संभाग (Gwalior Division) में 21 सीटें हैं और चंबल में  13 सीटें हैं. जिनमें अधिकांश पर बीजेपी प्रत्याशी (BJP candidate) जीतते नजर आ रहे हैं. 

सभी छह सीट पर कांग्रेस पिछड़ी

2018 में ग्वालियर जिले में छह में से पांच सीट जीतकर इतिहास रचने वाली कांग्रेस 5 साल में बुरी तरह सिकुड़ गई. पिछली बार भाजपा सिर्फ एक ग्वालियर ग्रामीण सीट (Gwalior Rural Seat)जीत सकी थी. यहां से भाजपा के इकलौते विधायक भारत सिंह जीते थे.जिसे ज्योतिरादित्य सिंधिया का जलवा माना जा रहा था. यही वजह था कि जब सिंधिया ने कांग्रेस छोड़ भाजपा का हाथ थामा तो जिले के पांच में से तीन विधायक उनके साथ चले गए. जब इसके बाद उप चुनाव हुए तो तीन में से दो सीट जीतकर कांग्रेस ने हुंकार भरी और सिंधिया के खिलाफ बहुत आक्रामक रुख अपनाते हुए कहना शुरू कर दिया कि अब ग्वालियर-चंबल में सिंधिया परिवार का तिलस्म उतर गया है.लेकिन अंचल के रुझानों से साफ हो रहा है कि यहां सिंधिया परिवार का जादू चल रहा है . कांग्रेस में कब्जे में जो सीटें थीं उसमें से भी अधिकांश उसने खो दिया है. 

सबसे कमजोर सीट पर सबसे ज्यादा बढ़त

ग्वालियर जिले में भाजपा के लिए भितरवार सीट दो दशक से सबसे कमजोर मानी जा रही थी. बीते पांच बार से यहां से कांग्रेस के लाखन सिंह जीतते आ रहे थे. इस बार सिंधिया ने यहां से अपने कट्टर समर्थक मोहन सिंह राठौड़ को टिकट दिलाकर सबको चौंका दिया था.वे सबसे कमजोर कैंडिडेट माने जा रहे थे लेकिन वे महज चार राउंड में ही निर्णायक बढ़त बना चुके थे. 

संभाग में भी भाजपा को बड़ी सफलता 

यही हाल ग्वालियर -चंबल की बाकी सीट का भी है। भिण्ड जिले में 2018 में कांग्रेस ने जिले की पांच में से सिर्फ एक सीट जीती थी  लेकिन रुझानों में इस बार कांग्रेस की हालत एकदम उल्टी दिख रही है. वहां अटेर सीट पर ही कांग्रेस के हेमंत कटारे आगे हैं. अंतिम रूझानों में कांग्रेस में दिग्गज नेता और नेता प्रतिपक्ष डॉ गोविंद सिंह भी हार के बेहद करीब दिख रहे हैं. डॉ गोविंद सिंह वो नेता हैं जो मोदी और उमा लहर में भी अपनी सीट बचाने में कामयाब रहे थे. 

MPCG.NDTV.in पर मध्य प्रदेश और छत्तीसगढ़ की ताज़ातरीन ख़बरों को ट्रैक करें. देश और दुनियाभर से न्यूज़ अपडेट पाएं. इसके अलावा, मनोरंजन की दुनिया हो, या क्रिकेट का खुमार,लाइफ़स्टाइल टिप्स हों,या अनोखी-अनूठी ऑफ़बीट ख़बरें,सब मिलेगा यहां-ढेरों फोटो स्टोरी और वीडियो के साथ.

फॉलो करे:
Close