
Madhya Pradesh Assembly Election 2023 : मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव 2023 में (Madhya Pradesh Election 2023) इस बार महिला विधायकों में सबसे बड़ी जीत मध्य प्रदेश की गोविंदपुरा सीट से भारतीय जनता पार्टी की उम्मीदवार कृष्णा गौर (Krishna Gaur) ने दर्ज की है. उन्होंने अपने निकटतम प्रतिद्वंद्वी कांग्रेस पार्टी के रवीन्द्र साहू झूमरवाला को 1.06 लाख वोटों से पराजित किया है. इस सीट पर 1980 से 2013 तक 8 बार कृष्णा गौर के ससुर और पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल गौर विजेता रहे हैं.
ससुर से मिली राजनीतिक विरासत
कृष्णा गौर की प्रारंभिक पढ़ाई मध्य प्रदेश के इंदौर में हुई है. बाद में बाबूलाल गौर के पुत्र पुरूषोत्तम गौर के साथ कृष्णा गौर का विवाह हुआ, लेकिन पति का असमय निधन हो गया. इससे गौर परिवार को आघात पहुंचा था. उस स्थिति में कृष्णा गौर ने परिवार को संभाला था. उस समय बाबूलाल गौर प्रदेश के मुख्यमंत्री थे. कृष्णा गौर नेपंचायत और नगरीय निकाय चुनाव प्रचार में भी सक्रिय भूमिका निभाई थी. बाबूलाल गौर ने भी बहू की क्षमता और सक्रियता को देखकर उन्हें पर्यटन विकास निगम की अध्यक्ष बनाकर राज्यमंत्री का दर्जा दे दिया, उनके इस फैसले की आलोचना भी हुई थी. हालांकि कुछ दिनों बाद ही कृष्णा को ये पद छोड़ना पड़ा था.
वर्ष 2018 में हुए विधानसभा चुनाव में, यानी पिछले विधानसभा चुनाव में इस विधानसभा सीट पर कुल 355265 मतदाता थे, और उन्होंने बीजेपी उम्मीदवार कृष्णा गौर को 125487 वोट देकर विजयश्री प्रदान की थी, और विधायक बना दिया था, जबकि कांग्रेस उम्मीदवार गिरीश शर्मा को 79128 मतदाताओं का भरोसा हासिल हो पाया था, और वह 46359 वोटों से चुनाव हार गए थे.
2013 और 2008 के परिणाम इस सीट पर कुछ ऐसे थे
इससे पहले, साल 2013 में हुए विधानसभा चुनाव में गोविंदपुरा विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार बाबूलाल गौर ने जीत हासिल की थी, और उन्हें 116586 मतदाताओं का समर्थन मिला था. विधानसभा चुनाव 2013 के दौरान इस सीट पर कांग्रेस उम्मीदवार गोविंद गोयल को 45942 वोट मिल पाए थे, और वह 70644 वोटों के अंतर से दूसरे पायदान पर रह गए थे. इसी तरह, विधानसभा चुनाव 2008 में गोविंदपुरा विधानसभा क्षेत्र से बीजेपी उम्मीदवार बाबूलाल गौर को कुल 62766 वोट हासिल हुए थे, और वह विधानसभा पहुंचे थे, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी विभा पटेल दूसरे पायदान पर रह गए थे, क्योंकि उन्हें 29012 वोटरों का ही समर्थन मिल पाया था, और वह 33754 वोटों से चुनाव में पिछड़ गए थे.
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