Madhya Pradesh Assembly Election 2023: तीन राज्यों के विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने कई केन्द्रीय मंत्रियों को चुनावी मैदान में उतारा था. मध्यप्रदेश में भी सात सांसद विधानसभा का चुनाव लड़ रहे थे. इसमें से फग्गन सिंह कुलस्ते को हार मिली लेकिन केंद्र सरकार में इस्पात राज्य मंत्री फग्गन सिंह कुलस्ते (Faggan Singh Kulaste)हार कर भी फायदे में हैं. इसकी बानगी मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव (Dr Mohan Yadav) के शपथ ग्रहण समारोह में देखने को मिली. जहां वे पहली पंक्ति में बैठे नजर आए थे. जबकि मोदी मंत्रिमंडल में उनके साथी रहे प्रह्लाद पटेल (Prahlad Patel) दूसरी पंक्ति में थे. पटेल केन्द्रीय मंत्रीपद से इस्तीफा दे चुके हैं जबकि फग्गन सिंह अब भी केन्द्रीय मंत्री हैं.
हार कर भी यूं फायदे में हैं कुलस्ते
हालांकि फग्गन सिंह कुलस्ते मध्य प्रदेश में आदिवासियों के बीच सबसे बड़ा नाम माने जाते हैं. इसी वजह से उन्हें केंद्रीय मंत्रिमंडल में भी स्थान मिलता रहा है. इस बार वे मुख्यमंत्री पद के भी दावेदार माने जा रहे थे पर वे अपना चुनाव ही हार गए. जानकारों की मानें तो फग्गन सिंह कुलस्ते ने दूसरी आदिवासी सीटों को जीताने में भारतीय जनता पार्टी की मदद की लेकिन वह अपनी स्वयं सीट नहीं बचा सके. हालांकि वे अभी केंद्रीय मंत्री हैं और जब तक लोकसभा चुनाव नहीं हो जाते तब तक केंद्र सरकार को अपनी सेवाएं देते रहेंगे. जिसकी वजह से उन्हें केंद्रीय मंत्री होने के सभी लाभ मिलते रहेंगे जबकि इस्तीफा देने के बाद उनके साथी दूसरे केंद्रीय मंत्रियों को इसके लाभ मिलना बंद हो गए हैं. इसके अलावा आदिवासी समुदाय में पकड़ रखने की वजह से ऐसा माना जा रहा है कि लोकसभा चुनाव में उन्हें टिकट मिलना तय है. दूसरी तरफ केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर (Narendra Singh Tomar) तो मध्य प्रदेश विधानसभा का अध्यक्ष बन चुके हैं लिहाजा उनके लोकसभा चुनाव लड़ने की संभावना कम है.दूसरा ये भी समझा जा रहा है कि लोकसभा चुनावों में PM मोदी की लोकप्रियता का फायदा उन्हें मिल सकता है और वे एक बार फिर से सांसद बन सकते हैं.
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