मध्यप्रदेश में फिलहाल विधानसभा चुनाव का ऐलान नहीं हुआ है लेकिन राज्य की दोनों प्रमुख दल- सत्तारूढ़ बीजेपी और प्रमुख विपक्षी कांग्रेस दलित वोटरों को साधने की जुगत में लग गई है. राज्य में 16% दलित वोटर हैं और इन्हें गेमचेंजर माना जाता है. यही वजह है कि दोनों दलों के नेता बुंदलेखंड का रुख कर रहे हैं जहां दलित आबादी लगभग 20-25% है. इसी संदर्भ में फिलहाल बीजेपी का मैराथन प्लान सामने भी आया है.
पीएम मोदी और खड़गे करेंगे रैली
आलम ये है कि दोनों दल अपने टॉप के नेताओं को मैदान में उतार रहे हैं. खुद प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी 12 अगस्त को भक्ति आंदोलन के संत रविदास को समर्पित 100 करोड़ रुपये के मंदिर की नींव रखने के लिए बुंदेलखंड के सागर जिले में होंगे, वहीं एक दिन बाद 13 अगस्त को कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मलिकार्जुन खड़गे उसी सागर जिले में एक मेगा रैली को संबोधित कर सकते हैं.
बीजेपी का मैराथन प्लान
बीजेपी मंगलवार से ही संत रविदास मंदिर निर्माण के लिये राज्य में 5 जगहों से समरसता यात्रा शुरू करेगी, 18 दिनों तक ये यात्रा 46 जिलों में जाएगी और 11 अगस्त को सागर पहुंचेगी. यात्रा में 55 हजार गांवों से एक मुट्ठी मिट्टी, अन्न और 313 ब्लॉक की प्रमुख नदियों का जल सांकेतिक तौर पर एकत्र किया जाएगा. इनका उपयोग भव्य मंदिर की नींव रखने और निर्माण में किया जाएगा.
ये सभी यात्राएं 12 अगस्त को सागर के बड़तूमा में समाप्त होंगी. जहां पीएम 100 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले संत रविदास मंदिर का शिलान्यास करेंगे. 12 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मौजूदगी में संत रविदास के भव्य मंदिर का शिलान्यास होगा. जिसके बाद PM रैली को भी संबोधित कर सकते हैं.
जाहिर है पिछले चुनाव में इन इलाकों में बीजेपी की सीटें काफी घटी हैं और कांग्रेस की सीटें 4 गुना से अधिक बढ़ी हैं. ऐसे में बीजेपी अपने खोये जनाधार को वापस पाने के लिए एड़ी-चोटी का जोर लगा रही है. यही वजह है कि पार्टी ने दलित वर्ग के नेताओं को पार्टी और सरकार में अहम स्थान दिया है. मसलन टीकमगढ़ से बीजेपी के सांसद वीरेंद्र खटीक मोदी सरकार में मंत्री हैं, तो लालसिंह आर्य बीजेपी अनुसूचित जाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं जबकि सत्यनारायण जटिया बीजेपी संसदीय बोर्ड में शामिल हैं. इसके अलावा शिवराज सरकार में भी इस वर्ग को अच्छा खासा प्रतिनिधित्व मिला है.