Chhattisgarh Assembly Elections : लोकतंत्र के मंदिर यानी संसद भवन (Parliament of India) के दोनों सदनों में महिला आरक्षण (Women's Reservation Bill) को सर्वसम्मित से पारित कर दिया गया है. यह आरक्षण राजनीति और लोकतंत्र में महिलााओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए लाया गया है. लेकिन छत्तीसगढ़ में हुए पिछले दो विधानसभा चुनाव के दौरान बेमेतरा जिले में 80 पुरुषों की तुलना में महज 4 महिलाओं ने अपना भाग्य आजमाया था.
कब कितने प्रत्याशी चुनावी मैदान पर उतरे?
वर्ष 2013 के चुनाव में साजा विधानसभा में 9 उम्मीदवार थे. बेमेतरा में 18 प्रत्याशी में से एक महिला प्रत्याशी थीं. नवागढ विधानसभा में 9 दावेदार थे, जिनमें दो महिला प्रत्याशी थीं. 2018 में साजा विधानसभा में 16 दावेदार चुनाव मैदान में थे, जिनमें केवल एक महिला प्रत्याशी दावेदारी कर रही थी. बेमेतरा और नवागढ़ से 16-16 दावेदार मैदान में थे, जिसमें एक भी महिला शामिल नहीं थीं.
बेमेतरा जिले की तीन सीटों पर महिलाओं को अवसर कम मिले
बेमेतरा जिले की तीन विधानसभा सीटों में प्रत्याशी के रूप में महिलाओं को कम ही मौका मिला है. पिछले दो चुनावों की बात करें तो केवल चार महिलाओं ने विधान सभा चुनाव में भाग्य आजमाया है. इनमें से केवल एक महिला को ही राष्ट्रीय पार्टी से दावेदारी करने का अवसर मिला. वर्ष 2013 में नवागढ़ विधानसभा से कांग्रेस ने अनिता पात्रे को उम्मीदवार बनाया था. हालांकि परिणाम आने पर 19 हजार 190 मत पाकर वे तीसरे स्थान पर रहीं. एक अन्य महिला दावेदार कांति बाई को 2 हजार 438 वोट मिले थे. इसी दौरान बेमेतरा विधानसभा सीट से बीएचबीपी की दावेदार के तौर पर प्रभादेवी पटेल चुनाव लड़ी थीं. 2018 के चुनाव में साजा से कौशल्या नारंग चुनावी मैदान में उतरी थीं.
हजारों महिला मतदाता, फिर क्यों नहीं होती दावेदारी?
मतदाता सर्वेक्षण के माध्यम से मतदाताओं की संख्या भी सामने आ चुकी है. साजा विधानसभा में 87 हजार 176 पुरुष व 81 हजार 677 महिला मतदाता समेत एक लाख 63 हजार 855 मतदाता हैं. बेमेतरा विधानसभा में एक लााख 14 हजार 96 पुरुष व 11 हजार 4470 महिला मतदाता समेत 2 लााख 28 हजार 568 वोटर्स हैं. वहीं नवागढ़ विधानसभा में 2 लाख 66 हजार 172 मतदाता हैं, जिसमें से एक लाख 34 हजार 871 पुरुष और एक लाख 31 हजार 299 महिला मतदाता इस बार मतदान करेंगी. वोटर लिस्ट में महिला मतदाताओं की अच्छी-खासी संख्या दिख रही है लेकिन जन प्रतिनिधि बनने के लिए महिलाएं यहां से क्याें नहीं सामने आतीं ये बड़ा सवाल है.
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