Death Sentence: सजा-ए-मौत किसी अपराधी के लिए आखिरी सजा होती है. ईरान दुनिया के उन मुल्कों में है, जहां सबसे अधिक फांसी की सजा मुकर्रर की जाती है, लेकिन इस बार ईरान में फांसी की सजा का बेहद अजीब मामला सामने आया है, जिसमें एक शख्स को कुछ ही महीनों के अंदर दूसरी बार फंदे से लटकाया गया.
नार्वे स्थित ईरान मानवाधिकार संगठन (IHR) के मुताबिक, अहमद अलीजादेह को अक्टूबर 2018 में हत्या के आरोप में अरेस्ट किया गया था और उसे सजा-ए-मौत सुनाई गई थी. हालांकि अहमद ने आरोपों को गलत बताया था.
अहमद को पहले तेहरान के बाहर करज स्थित गेजेल हेसल जेल में 27 अप्रैल को फांसी के फंदे पर चढ़ाया गया था, लेकिन 28 सेकंड बाद ही उसे नीचे उतार लिया गया. आईएचआर के अनुसार, ऐसा इसलिए हुआ क्योंकि पीड़ित के परिवार ने फांसी के दौरान अचानक 'माफ कर दो' कहा था जिसके बाद इस प्रक्रिया को रोक दी गई. इस दौरान अहमद की सांस चल रह थी.
ऐसा क्यों हुआ?
दरअसल, ईरान के शरिया कानून के तहत पीड़ित का परिवार अपराधी को माफ कर सकता है. इसके अलावा जान बख्शने के बदले में पैसे की मांग कर सकता है. हालांकि, एनजीओ के मुताबिक, कई मामलों में दोषी का परिवार इस राशि का खर्च उठाने में सक्षम नहीं होता और फांसी की सजा मिल जाती है.
दोबारा फांसी के फंदे पर लटकाया गया
बुधवार 13 नवम्बर की सुबह अहमद अलीजादेह को दोबारा फांसी पर चढ़ा दिया गया. आईएचआर के डायरेक्टर महमूद अमीरी-मोगद्दम ने ईरानी सरकार की आलोचना की, उन्होंने कहा कि एक प्रतिभाशाली छात्र अहमद अलीजादेह को हत्या के आरोप में दूसरी बार फांसी दी गई, जिसका उसने खंडन किया और दावा किया कि उसने प्रताड़ित कर कबूल करवाया गया.'
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