
Madhya Pradesh Mukhyamantri Udyam Kranti Yojana : देश में और राज्य में किसी भी प्रकार से बेरोजगारी एक बड़ी समस्या रही है. हर सरकार की मंशा रहती है कि राज्य में बेरोजगारी की दर कम रहे. कोई भी सरकार 100 प्रतिशत रोजगार नहीं दे सकती है. सरकारी नौकरियों की संख्या में ज्यादा नहीं होती है. ऐसे में सरकार का काम होता है कि स्वरोजगार के लिए लोगों को प्रेरित करे और इसके लिए न केवल उपयुक्त माहौल तैयार करें बल्कि जरूरी सुविधाएं भी दी जाएं. उचित प्रबंध होने से राज्य के विकास में भी तेजी आती है. कुल मिलाकार एक बेहतर माहौल राज्य की प्रगति का आधार है. ऐसे में जब बात रोजगार के लिए हो रही है तो केंद्र की सरकार हो या फिर राज्य की सरकार हो. सभी का इरादा होता है कि रोजगार के अवसर बढ़ें.
शिवराज सिंह चौहान ने शुरू की योजना
मध्य प्रदेश में विभिन्न प्रकार के रोजगार अवसर उत्पन्न करने के लिए राज्य सरकार द्वारा विभिन्न प्रकार की योजनाओं का संचालन किया जा रहा है. ऐसी ही एक योजना है जिसका नाम मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना (Madhya Pradesh Mukhyamantri Uddyam Kranti Yojana) है. इस योजना को मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुरू किया था. इस योजना के माध्यम से बेरोजगार युवकों / नागरिकों को ऋण उपलब्ध कराया जाता है.
खुद का उद्यम स्थापित करने को प्रोत्साहन
मध्य प्रदेश मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना को 13 मार्च को राज्य के सीएम शिवराज सिंह चौहान ने आरंभ किया था. इस योजना के अंतर्गत मध्यप्रदेश राज्य के युवाओं को खुद का उद्यम स्थापित करने के लिए ऋण उपलब्ध करवाया जाता है. जो भी इस योजना के अंतर्गत ऋण प्रदान किया जाता है उसकी गारंटी राज्य सरकार द्वारा बैंक को दी जाती है. इसका मतलब यह हुआ कि ऋण लेने के लिए लाभार्थी को किसी प्रकार की गारंटी नहीं देनी होती है. इसके अलावा सरकार की ओर इस योजना का लाभ लेने वाले युवाओं को सब्सिडी का प्रावधान भी किया गया है.
उचित आवेदन जरूरी
बताया जा रहा है कि इस योजना के माध्यम से सरकार राज्य की बेरोजगारी दर में गिरावट का इरादा रखती है. साथ ही प्रदेश के नागरिक आत्मनिर्भर एवं सशक्त बने यह भी सरकार की प्राथमिकता है. इसके अलावा सरकार का प्रयास है कि योजना के माध्यम से प्रदेश में रोजगार के अवसर में बढ़ोतरी हो. सरकार का मानना है कि इससे प्रदेश की बेरोजगारी दर में भी गिरावट होगी. इस योजना का लाभ उठाने के लिए योग्य नागरिकों को उचित आवेदन करना होता है.
डीबीटी से भुगतान
योजना का खास फीचर यह है कि इसके अंतर्गत लाभ की राशि सीधे लाभार्थी के खाते में डीबीटी के माध्यम से पहुंचाई जाती है.
लाभार्थी के लिए आवश्यक शर्तें/ लाभार्थी चयन प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है.
लाभार्थी की आयु 18 से 45 वर्ष के बीच होनी चाहिए. कम से कम वह 8वीं कक्षा उत्तीर्ण होना चाहिए. लाभार्थी बनने के लिए जरूरी है कि परिवार की वार्षिक आय 12 लाख रुपये से अधिक न हो. यह भी जरूरी है कि किसी बैंक अथवा वित्तीय संस्था जैसे-MFI, NBFC, SFB, PACS आदि का स्वयं डिफाल्टर ना हो. यह भी जरूरी है कि वर्तमान में राज्य अथवा केंद्र सरकार की किसी अन्य स्वरोजगार योजना का लाभ न किया हो. इस योजना की मोरटोरियम अवधि 7 वर्ष रखी गई है.
शर्तें
एमपी मुख्यमंत्री उद्यम क्रांति योजना की पात्रता के अनुसार आवेदक मध्य प्रदेश का स्थाई निवासी होना चाहिए. यदि आवेदक करदाता है तो इस स्थिति में आवेदक द्वारा पिछले 3 वर्षों के आयकर विवरण आवेदन के साथ जमा किए होने चाहिए. इसके साथ ही केवल नवीन उद्यम स्थापित करने वाले उद्यमियों को ही इस योजना का लाभ प्रदान किया जाएगा.
दस्तावेज
इस योजना का लाभ लेने के लिए जो महत्वपूर्ण दस्तावेज मांगे जाते हैं उनमें आधार कार्ड, बैंक पासबुक की प्रति, निवास प्रमाण पत्र, राशन कार्ड, पहचान पत्र, मोबाइल नंबर, पासपोर्ट साइज फोटोग्राफ आदि हैं.
जानें प्रक्रिया
इस योजना की आवेदन प्रक्रिया कुछ इस प्रकार है. विभाग द्वारा पात्रता जांच करने के बाद आवेदन ऑनलाइन संबंधित बैंक शाखा में भेज दिया जाता है. बैंक शाखा द्वारा अधिकतम 6 सप्ताह में आवेदन पर निर्णय ले लिया जाता है. यह नियम बैंक के लिए आरबीआई द्वारा बनाया गया है. इसके बाद फाइल स्वीकृत किये जाने की स्थिति में बैंक शाखा द्वारा एक माह के अंदर ऋण वितरण किया जाता है और पोर्टल पर एंट्री भी की जाती है. इस योजना के बारे में अधिक जानकारी हेतु सम्बंधित जिले के जिला व्यापार एवं उद्योग केंद्र में संपर्क किया जा सकता है.