नोएडा की एक बड़ी कंपनी का सिम कार्ड शुक्रवार रात बंद हो गया. शनिवार को वही नंबर वाराणसी में एक अन्य व्यक्ति को जारी कर दिया गया. जिस बैंक खाते से यह नंबर जुड़ा है, उससे वाराणसी और नोएडा के कुछ हिस्सों में 1 करोड़ रुपये निकाले गए हैं. जिस कंपनी के पास यह नंबर था, उसके मैनेजर ने सोमवार सुबह कर्मचारियों को बताया कि उनका नंबर शनिवार से काम नहीं कर रहा है.
ठगी का अनोखा मामला
जब उनकी कंपनी के लोग सिम जारी करने वाली कंपनी से संपर्क करते हैं तो उन्हें पता चलता है कि यह नंबर फिलहाल वाराणसी में किसी को जारी किया गया है. दूसरी ओर, कंपनी के अकाउंटिंग विभाग को पता चला कि खाते से 1 करोड़ रुपये गायब हो गए हैं. सिम का बंद हो जाना, उसी नंबर को अगले दिन वाराणसी में किसी और के नाम पर जारी हो जाना, शनिवार और रविवार को एक साथ बैंक खाते से दस लाख रुपये गायब हो जाना, ये किसी ठगी की आशंका थी.
किसी दूसरे के नाम हुई सिम
आपके मन में सवाल उठ सकता है कि ये सब कैसे हो सकता है? लेकिन घटना सच्ची है और घटी है. पहले पुलिस का भी दिमाग चकरा गया था. किसी को भी समझ नहीं आ रहा था कि ये सब अचानक कैसे संभव हो गया? लेकिन सिम और अकाउंट की स्टेटमेंट बता रहे थे कि यह सब हकीकत है. पुलिस ने अपनी तफतीश का दायरा बढ़ाते हुए तार से तार जोड़ने शुरू की किए. जिसके बाद पोलोके उसी नंबर को ट्रेस किया तो पता चला कि जब पैसे निकले तो यह नंबर वाराणसी में ऑन था.
4 ठग पुलिस की गिरफ्त में
तुरंत कंपनी के अधिकारियों ने बैठकर सारे कनेक्शन जोड़े तो सभी ने अंदाजा लगाया कि यह धोखाधड़ी का अनोखा मामला है. मामला पुलिस के संज्ञान में आ गया है. एक मामला साइबर थाने में दर्ज किया गया है. जब जांच शुरू हुई तो पता चला कि इस मामले में अपराधी तो हैं ही साथ ही बैंक, सिम कार्ड कंपनी और कई अन्य लोग भी शामिल हैं. इस मामले में पुलिस ने अब तक करीब चार लोगों को गिरफ्तार किया है.
पहले जान लीजिए ये नियम
इस तरह के मामले अक्सर उजागर होते रहते हैं. ऐसे में आपको भी चौंकन्ना रहने की जरूरत है. अक्सर देखा गया है कि जालसाज ठगी के लिए नए-नए रास्ते अपनाते हैं. गिरोह के सदस्य बिहार, पूर्वी उत्तर प्रदेश, पश्चिम बंगाल और बांग्लादेश के गरीब लोगों को काम की आड़ में अपने साथ ले जाते हैं. जिसके बाद जरूरी कागजात मांगकर उनके नाम से बैंक अकाउंट खुलवाते हैं. फिर इन्हें बैंक अकाउंट्स के जरिए ठगी की वारदातों को अंजाम देते हैं. जांच के दौरान पुलिस को एक टेलीग्राम ग्रुप के बारे में पता चला. जिसके बाद पूरे मामले का राजफास हुआ.
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