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This Article is From Aug 11, 2023

क्या है मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना, कैसे मिलता है किसानों को फायदा, जानें डिटेल

छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राज्य में एक योजना का आरंभ किया जिसे नाम दिया गया गोधन न्याय योजना. सीएम बघेल ने 20 जुलाई 2020 को इस योजना का आरंभ किया था.

क्या है मुख्यमंत्री गोधन न्याय योजना, कैसे मिलता है किसानों को फायदा, जानें डिटेल
छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना.
नई दिल्ली:

देश के संविधान में सरकारों का दायित्व है कि नागरिकों के हितों के लिए कदम उठाएं. नीतिनिर्देशक सिद्धांत जनहित कल्याणकारी कदम की बात कहते हैं. ऐसे में केंद्र की सरकार तमाम योजनाओं को लागू करती है और राज्य की भी सरकारें अपनी-अपनी जरूरतों और राज्य के लोगों की मांग तथा जरूरतों को ध्यान में रखकर अलग अलग योजनाओं का क्रियान्वयन करते हैं. छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी राज्य में एक योजना का आरंभ किया जिसे नाम दिया गया गोधन न्याय योजना. सीएम बघेल ने 20 जुलाई 2020 को इस योजना का आरंभ किया था.

किसानों और पशुपालकों के लिए योजना
इस योजना का पूरा नाम छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना (Chhattisgarh Godhan Nyay Yojana) है. राज्य सरकार ने इस योजना को जनता की अपेक्षा अनुरूप लागू किया था. यह योजना राज्य के किसानों और पशुपालकों के लिए बनाई गई है. योजना के तहत राज्य में जितने भी किसान व पशुपालक गाय पालते है उन लोगों से गाय का गोबर खरीदा जाता है.

गोबर खरीद की पहली योजना
गाय का गोबर खरीदने के बाद सरकार इसका इस्तेमाल वर्मी कम्पोस्ट खाद्य को बनाने के लिए करती है. ऐसा माना जाता है कि इससे जो खाद्य बनती है वह खेती व पेड़-पौधे के लिए अच्छी होती है. कुल मिलाकर देखा जाए तो यह खाद ऑर्गेनिक होती है. राज्य का कोई भी इस योजना के तहत योग्य नागरिक इस योजना का आवेदन कर लाभ प्राप्त कर सकता है. इसके लिए उसे योजना की आधिकारिक वेबसाइट पर जाकर आवेदन फॉर्म भरना होता है.

आर्थिक रूप से सुदृढ़ करने का प्रयास
राज्य सरकार का मानना है कि यह योजना गाय पालने वाले किसानों व पशुपालकों के लिए बहुत ही लाभकारी है. जून 2023 तक छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने इस योजना के हितग्राहियों के खाते में 12 करोड़ 72 लाख करोड़ का भुगतान किया है. आंकड़े बताते हैं कि अभी तक कुल 488 करोड़ 67 लाख रूपए का भुगतान किया जा चुका है.

योजना के दो चरण
इस छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना के माध्यम से सरकार पशु पालकों से गोबर खरीदने का कार्य करती है. इससे राज्य के किसानों व पशुपालकों को सीधा लाभ होता है. इससे उनकी आय में वृद्धि होती है. योजना के तहत राज्य की सरकार ने दो चरण बनाये हैं.

2 रुपये किलो के हिसाब से खरीद
पहले चरण में 2240 गोशालाओं को योजना के अंतर्गत शामिल किया गया है और दूसरे चरण में पशुपालकों से गाय का गोबर खाद्य बनाने हेतु खरीदा गया. सरकार ने पशुपालकों से 2 रुपये किलो के हिसाब से गोबर की खरीद की है.

ऑनलाइन करना है आवेदन
खास बात यह है कि आज के इंटरनेट के युग में इस योजना से जुड़ने के लिए कहीं किसी सरकारी दफ्तर के चक्कर लगाने की जरूरत नहीं होती है.  कोई भी आवेदक आवेदक आसानी से मोबाइल व कंप्यूटर के जरिये ऑनलाइन माध्यम से योजना का आवेदन कर सकते हैं.

जरूरी अहर्ताएं
जानकारी के लिए बता दें कि जो भी आवेदक छत्तीसगढ़ गोधन न्याय योजना में रजिस्टर्ड हो गए हैं उन पशुपालकों से  सरकार ने गोबर को खरीदना जारी रखा है. योजना के तहत पशुपालक किसानों से ख़रीदे गए गोबर की धनराशि लाभार्थियों को सहकारी बैंक के जरिये डायरेक्टर बेनेफिट ट्रांसफर के माध्यम से सीदे बैंक खाते में ट्रांसफर किये जा रहे हैं. डीबीटी के लिए जरूरी है कि आवेदक का बैंक खाता होना चाहिए जो आधार से भी जुड़ा हुआ हो.

योजना का एक महत्वपूर्ण उद्देश्य है कि किसानों और पशुपालकों की आय में वृद्धि हो वहीं सरकार की मंशा यह भी ही कि दूध देना बंद करने के बाद पशुओं को आवारा न छोड़ा जाए. इधर-उधर भड़कते पशुओं की समस्या पर भी सरकार ने इस योजना से काबू करने का काम किया है.

एक अन्य बात जो इस योजना का दूरगामी परिणाम भी देखने को मिलता है वह है कि यह यजोना स्वरोजगार की चाहत रखने वाले युवाओं के लिए भी उपयुक्त.

इसके अलावा गोधन न्याय योजना से पर्यावरण साफ़ और स्वच्छ रह पाएगा और गाय के गोबर से अच्छी खाद्य बन पाएगी.
गोधन न्याय योजना का लाभ जरूरतमंद को मिले इस बारे में भी सरकार ने कदम उठाए हैं. सरकार ने योजना में आवेदकों को पशुओं की संख्या दर्ज कराने के लिए भी कहा है. यह भी बात ध्यान रखने की है कि राज्य के बड़े व्यापारी व बड़े किसान जिनके पास जमीन जायजाद होगी वह योजना के पात्र नहीं हो सकते हैं.

जरूरी दस्तावेज
योजना से जुड़ने ने के लिए एक आवेदक के पास आधार कार्ड, मूल निवास प्रमाणपत्र, मोबाइल नंबर, बैंक अकाउंट नंबर,     बैंक पासबुक,  आय प्रमाणपत्र, वोटर ID कार्ड आदि होना आवश्यक है.

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