
उमरिया जिले में साल 2022 में हुई बाघ गणना में बांधवगढ़ नेशनल पार्क ने अपना ताज कायम रखा है.1536 वर्ग किमी के जंगल में 124 से बढ़कर 165 बाघ मिले हैं. 41 नए बाघों के योगदान के चलते मध्यप्रदेश लगातार दूसरी बार टाईगर स्टेट बनने में सफल रहा. माना जा रहा है कि इसमे बांधवगढ़ का अहम योगदान है.
बांधवगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में 165 बाघ पाए गए
मध्यप्रदेश के छोटे से जिले उमरिया की जलवायु रॉयल बंगाल टाईगर को खूब रास आ रही है. इसका उदाहरण आठ साल में हुई दो गणना के परिणाम हैं. 29 जुलाई को जैसे ही एनटीसीए ने प्रदेश में 785 तथा बांधवगढ़ में 165 बाघों की घोषणा की, जिलेभर में वन्यजीव प्रेमियों के बीच खुशी की लहर दौड़ गई. जारी आकड़ों में बांधवगढ़ व आसपास के क्षेत्रों में 165 बाघ पाए गए हैं, जबकि ठीक इसके पूर्व 2018 की गणना में यहां 124 बाघ थे.
बांधवगढ़ में चार सालों में 41 बाघों की वृद्धि हुई
पूरे मध्यप्रदेश के छह टाइगर रिजर्व में बाघों की संख्या 259 का इजाफा हुआ है. वहीं अकेले बांधवगढ़ में अकेले इनकी संख्या चार सालों में 41 बाघों की वृद्धि हुई है, जो 6.27 की ग्रोथ रेट प्रदेश में अच्छी मानी जा रही है. प्रबंधन ने इसके लिए अपने जमीनी अमले की कार्यकुशलता को जिम्मेदार बताया है. इसके अलावा बाघ सरंक्षण की दिशा में किये गए पार्क में वन्य जीवों की सुरक्षा, आवास, आहार को लेकर भी बेहतर कार्यकुशलता से कार्य किया गया है.
बाघों की संख्या बढ़ने से बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन उत्साहित
विश्व बाघ दिवस के मौके पर बाघ गणना के जो आंकड़े जारी किए गए हैं, उससे बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व प्रबंधन खासा उत्साहित है, इस मौके पर ताला के आडोटोरियम में कार्यक्रम आयोजित किया गया, जिसमें बाघ सरंक्षण की दिशा में बेहतर कार्य करने वाले वनकर्मियों एवं स्टेक होल्डर्स को सम्मानित किया गया. साथ ही पर्यावरण एवं वन्य जीव सरंक्षण विषय को लेकर स्कूली छात्रो के बीच कराई गई प्रतियोगिता में सफल प्रतिभागियों को प्रशस्ति पत्र बांटे गए.
आम नागरिक वन्य जीव सरंक्षण में दे रहा पूरी भागीदारी
वन्य जीवों की सेवा के दौरान जान गंवाने वाले वनकर्मियों एवं अधिकारियों की याद में शहीद स्मारक का शिलान्यास कराया गया. बांधवगढ़ में बाघ गणना के नतीजों ने फिर एक बार बाघों की समृद्धि में विशेष योगदान दिया ह. खास बात यह है कि पर्यावरण और वन्य जीव सरंक्षण पहले वन विभाग की जिम्मेदारी मानी जाती थी, लेकिन अब सतत जागरूकता के कारण आम नागरिक भी इस मुहिम में पूरी भागीदारी निभा रहा है.