
बाघों की संदिग्ध मौत से हड़कंप
उमरिया:
मध्य प्रदेश के उमरिया जिले के बांधवगढ़ टाइगर रिजर्व में एक के बाद एक दो बाघों की मौत से पार्क प्रबंधन के होश उड़ गए हैं. इसका कारण मानपुर बफर के हफ्तेभर में डेढ़ किलोमीटर की दूरी पर दो बाघों की संदिग्ध मौत होना है. इससे पहले 17 जुलाई को दो वर्षीय बाघिन अचेत हालत में मिली थी. अब चार दिन बाद उसी रेंज में फिर बाघ का सड़ा-गला शव मिला है.
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बाघों की लगातार हो रही मौत के कारण का पता लगाने के लिए पार्क प्रबंधन ने तीन हाथियों की टीम को जंगल में उतारा है. बाघ की मौत का ताजा मामला मानपुर बफर के देवरी बीट का ही है. पार्क प्रबंधन के अनुसार बांधवगढ़ के बफर जोन कहे जाने वाले इस रेंज में करीब हफ्तेभर पुराना बाघ का शव मिला है. शल्य चिकित्सक के मुबातिक मृत बाघ के सभी अंग सुरक्षित हैं. प्रथम दृष्टया मौत का कारण प्राकृतिक माना जा रहा है. वहीं घटना के सामने आने के बाद स्थानीय वन्यजीव प्रेमी मानपुर में लगातार हो रही बाघों की इन मौतों पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि रेंज का पेट्रोलिंग अमला गश्त में कोताही करता है. यही कारण है कि शवों की ऐसी दुर्गति होने के बाद इन्हें घटना का पता चलता है.
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कुएं में मिल चुका है कंकाल
साल 2023 में बाघ की मौत का यह चौथा मामला है. वहीं, दो मार्च को खितौली परिक्षेत्र के डोभा में 18 महीने की मादा का शव मिला था, जिसकी मौत की वजह आपसी लड़ाई बताई गई. फिर एक अप्रैल को मगधी रेंज में कुएं के पास हड्डियां मिलीं, लेकिन बाघ की पहचान नहीं हुई. मौत का कारण अज्ञात था. वहीं, पिछले महीने 16 जून को मानपुर परिक्षेत्र के देवरी बीट मढ़ऊ में दो वर्षीय बाघिन की मौत हुई थी.
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बाघों की लगातार हो रही मौत के कारण का पता लगाने के लिए पार्क प्रबंधन ने तीन हाथियों की टीम को जंगल में उतारा है. बाघ की मौत का ताजा मामला मानपुर बफर के देवरी बीट का ही है. पार्क प्रबंधन के अनुसार बांधवगढ़ के बफर जोन कहे जाने वाले इस रेंज में करीब हफ्तेभर पुराना बाघ का शव मिला है. शल्य चिकित्सक के मुबातिक मृत बाघ के सभी अंग सुरक्षित हैं. प्रथम दृष्टया मौत का कारण प्राकृतिक माना जा रहा है. वहीं घटना के सामने आने के बाद स्थानीय वन्यजीव प्रेमी मानपुर में लगातार हो रही बाघों की इन मौतों पर सवाल उठा रहे हैं. उनका कहना है कि रेंज का पेट्रोलिंग अमला गश्त में कोताही करता है. यही कारण है कि शवों की ऐसी दुर्गति होने के बाद इन्हें घटना का पता चलता है.
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साल 2023 में बाघ की मौत का यह चौथा मामला है. वहीं, दो मार्च को खितौली परिक्षेत्र के डोभा में 18 महीने की मादा का शव मिला था, जिसकी मौत की वजह आपसी लड़ाई बताई गई. फिर एक अप्रैल को मगधी रेंज में कुएं के पास हड्डियां मिलीं, लेकिन बाघ की पहचान नहीं हुई. मौत का कारण अज्ञात था. वहीं, पिछले महीने 16 जून को मानपुर परिक्षेत्र के देवरी बीट मढ़ऊ में दो वर्षीय बाघिन की मौत हुई थी.