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MP Wheat: टीकमगढ़ जिले में बारिश से 26 हजार क्यिंटल गेहूं भीगा, जिम्मेदारों पर एक्शन कब

Madhya Pradesh News: टीकमगढ़ जिले में शनिवार को तेज हवा और आंधी से बड़ागांव धसान मंडी में खुले में रखा 26 हजार क्यिंटल गेंहू पूरी तरह से भीग गया. दरअसल, यह गेहूं कृषि उपज मंडी में रखा हुआ था. यह अनाज अलग-अलग मंडियों से खरीद कर रखा गया था, लेकिन न  तो समय से इसका परिवहन हुआ और न ही इसके रखरखाव का सही इंतजाम किया गया था.  

MP Wheat: टीकमगढ़ जिले में बारिश से 26 हजार क्यिंटल गेहूं भीगा, जिम्मेदारों पर एक्शन कब
टीकमगढ़ मंडी में खुले में पड़ा 25 हजार क्विंटल गेहूं भीगा.

Destroyed Wheat : मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) के टीकमगढ़ (Tikamgarh) में शनिवार को हुई बेमौसम बारिश के बाद एक बड़ी लापरवाही सामने आई है. दरअसल, टीकमगढ़ जिले में शनिवार को तेज हवा के साथ हुई भीषण वर्षा से खुले में रखा 26 हजार क्यिंटल गेहूं भीग गया.

गूहूं खरीद कर भूले अफसर

टीकमगढ़ जिले में शनिवार को तेज हवा और आंधी से बड़ागांव धसान मंडी में खुले में रखा 26 हजार क्यिंटल गेंहू पूरी तरह से भीग गया. दरअसल, यह गेहूं कृषि उपज मंडी में रखा हुआ था. यह अनाज अलग-अलग मंडियों से खरीद कर रखा गया था, लेकिन न  तो समय से इसका परिवहन हुआ और न ही इसके रखरखाव का सही इंतजाम किया गया था.  

दोषियों पर हो सख्त कार्रवाई

यह सब ऐसे समय में हुआ है, जब भारत का मौसम विभाग देश में कहीं पर भी होने वाली मौसमी परिवर्तन की सही और सटीक जानकारी देने में सक्षम है. हर दिन मौसम विभाग की ओर से देश में होने वाली मौसमी तब्दीली की जानकारी दी जाती है. लेकिन, प्रशासनिक अधिकारी ऐसी कुंभकरण की नींद में सोये होते हैं कि उन्हें न तो खुले में रखे अनाज की सुरक्षा की सुध है और न ही मौसम विभाग की भविष्यवाणी की, यही वजह है कि अन्नदाताओं के खून-पसीने से उपजाई गई 26 हजार क्विंटल गेहूं को बर्बाद होने के लिए छोड़ दिया गया, जो अपने आप में एक बड़ा अपराध है.  ऐसे में गेहूं भीगने के लिए जिम्मेदार अफसरों के खिलाफ सख्त कार्रवाई होनी चाहिए.

लापरवाह अफसरों के वेतन काटने का है कोर्ट का आदेश

गौरतलब है कि अनाज की बर्बादी को लेकर इलाहाबाद हाईकोर्ट ने वर्ष 2012 एक सख्त फैसला दिया था. इस फैसले में कड़ा रुख दिखाते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने आदेश दिया था कि उन अधिकारियों के खिलाफ आपराधिक मामला दर्ज किया जाए, जिनकी वजह से अनाज सड़ता है. इसके साथ ही कोर्ट ने अपने आदेश में यह भी कहा था कि अगर एफसीआई या राज्य के गोदामों में अनाज ठीक ढंग से नहीं रखे जाते हैं, तो निगरानी विभाग और पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा को उन अधिकारियों के खिलाफ मुकदमा चलाना चाहिए. 

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मंडी में समर्थन मूल्य की खरीदी का जो गेंहू  भीगा है, इसमें सहकारी समिति बड़ागांव धसान, ककरवाहा, अजनोर, समर्रा ओर दरगुआ को खरीदी केंद्र का गेहूं शामिल है. जहां पर किसानों का 54 हजार कुंटल गेहूं की खरीदी हुई थी, जिनमें से 28 हजार क्विंटल गेहूं का परिवहन हो चुका था. मगर विभाग और ठेकेदार की लापरवाही के चलते 26 हजार क्विंटल गेहूं का समय से परिवहन न होने पर बारिश में भीग जाने पर लाखों का नुकसान शासन को हुआ है. 

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