
Neeraj Chopra Lieutenant Colonel Honorary Rank: ओलंपिक स्वर्ण पदक विजेता भाला फेंक एथलीट नीरज चोपड़ा को भारतीय सेना में एक बड़ी जिम्मेदारी मिली है. नीरज चोपड़ा को टेरिटोरियल आर्मी में लेफ्टिनेंट कर्नल की उपाधि दी गई है. रक्षा मंत्रालय ने बुधवार को भारत सरकार की साप्ताहिक अधिकृत पत्रिका भारत के राजपत्र में इसकी घोषणा की. नीरज चोपड़ा भाला फेंक में दुनिया के सर्वश्रेष्ठ खिलाड़ियों में से एक हैं नीरज टोक्यो ओलंपिक 2020 में भारत के लिए जेवेलिन थ्रो में गोल्ड मेडल जीत चुके हैं. अब उन्हें भारतीय सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद दिया गया है.
Training throw 🚀 pic.twitter.com/lVXte9USxy
— Neeraj Chopra (@Neeraj_chopra1) April 14, 2024
सरकार ने राजपत्र जारी किया
भारत के राजपत्र में लिखा है, "प्रादेशिक सेना विनियम, 1948 के पैरा 31 द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए दिनांक 9 मई 2025 को संख्या 3 (ई) के अनुसार, राष्ट्रपति पूर्व सब मेजर नीरज चोपड़ा, पीवीएसएम, पद्मश्री, वीएसएम, गांव और डाकघर खंडरा, पानीपत, हरियाणा को प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का मानद पद प्रदान करते हैं, जो 16 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होगा."
Har taiyaari se badkar hai Ziddari. #ZiddForMore @UnderArmourInd pic.twitter.com/qGclV9SPMV
— Neeraj Chopra (@Neeraj_chopra1) June 28, 2024
धोनी और बिंद्र भी पा चुके हैं सम्मान
स्वर्ण पदक विजेता की तरह, ओलंपिक खेलों में कुछ और व्यक्तिगत पदक विजेता हैं जो भारतीय सेना में रैंक रखते हैं. बीजिंग 2008 ओलंपिक में व्यक्तिगत स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बनकर इतिहास रचने वाले अभिनव बिंद्रा को भी लेफ्टिनेंट कर्नल का सम्मान दिया गया और निशानेबाज विजय कुमार को 2012 में रजत पदक जीतने के बाद मानद कैप्टन बनाया गया. इस सम्मान को पाने वाले सबसे मशहूर एथलीटों में से एक महेंद्र सिंह धोनी हैं. 2007 टी20 विश्व कप और 2011 वनडे विश्व कप सहित भारत को प्रमुख टूर्नामेंटों में जीत दिलाने के बाद, उन्हें 2011 में प्रादेशिक सेना में लेफ्टिनेंट कर्नल का पद दिया गया.
नीरज चोपड़ा इससे पहले आर्मी में सूबेदार के पद पर थे. चोपड़ा की वजह से जैवलिन थ्रो को लोग भारत में जानने लगे हैं. उल्लेखनीय है कि 2020 टोक्यो ओलंपिक में नीरज चोपड़ा ने भारत के लिए भाला फेंक में गोल्ड मेडल जीता था. उसके बाद से ही वह लाइमलाइट में आ गए थे. उन्होंने 2024 के पेरिस ओलंपिक में भी सिल्वर मेडल जीता था.
नीरज चोपड़ा बेंगलुरू में अगले हफ्ते प्रस्तावित एनसी क्लासिक के स्थगित होने के बाद 23 मई को पोलैंड के चोरजोव में 71वें ओरलेन जानुस्ज कुसोसिन्सकी मेमोरियल प्रतियोगिता में हिस्सा लेंगे. दोहरे ओलंपिक पदक विजेता नीरज को एनसी क्लासिक में विश्व भर और भारत के कुछ अन्य स्टार खिलाड़ियों के साथ हिस्सा लेना था और उन्हें 24 मई को इस प्रतियोगिता की मेजबानी भी करनी थी लेकिन भारत और पाकिस्तान के बीच सैन्य टकराव के कारण इसे स्थगित कर दिया गया. चोरजोव में नीरज को दो बार के विश्व चैंपियन और पेरिस ओलंपिक के कांस्य पदक विजेता ग्रेनाडा के एंडरसन पीटर्स, जर्मनी के जूलियन वेबर और पोलैंड के राष्ट्रीय रिकॉर्ड धारक मार्सिन क्रुकोवस्की के अलावा साइप्रियन मर्जिग्लोड और डेविड वेगनर जैसे स्थानीय खिलाड़ियों की चुनौती का सामना करना होगा.
पोलैंड में होने वाली यह प्रतियोगिता नीरज के लिए सत्र का तीसरा टूर्नामेंट होगा. उन्होंने अपने अभियान की शुरुआत दक्षिण अफ्रीका में की और अब 16 मई को दोहा डाइमंड लीग में हिस्सा लेंगे जहां उन्होंने 2023 (88.67 मीटर) में खिताब जीता और 2024 (88.36 मीटर) में दूसरे स्थान पर रहे.
दोहा में भी नीरज को पीटर्स की चुनौती का सामना करना पड़ेगा. पीटर्स को एनसी क्लासिक में भी 2016 के ओलंपिक चैंपियन जर्मनी के थॉमस रोहलर और 2015 के विश्व चैंपियन कीनिया के जूलियस येगो के साथ हिस्सा लेना था.
नीरज चोपड़ा की उपलब्धियां
चोपड़ा 2024 पेरिस ओलंपिक में भाला फेंक में रजत पदक जीतने के बाद भारत के सबसे सफल व्यक्तिगत ओलंपियन बन गए, जो 2020 टोक्यो ओलंपिक में अपने ऐतिहासिक स्वर्ण के बाद खेलों में उनका दूसरा पदक है.
टोक्यो में अपने वीरतापूर्ण प्रदर्शन के बाद 2021 में सूबेदार के पद पर पदोन्नत होने से पहले, नीरज को 26 अगस्त, 2016 को भारतीय सेना में नायब सूबेदार के पद पर जूनियर कमीशंड अधिकारी के रूप में भर्ती किया गया था.
यह भी पढ़ें : MP के मंत्री का CG में भी विरोध! कर्नल सोफिया कुरैशी मामले में विजय शाह मुश्किलों में, हर तरफ किरकिरी
यह भी पढ़ें : Viral Video: कोर्ट परिसर में जमकर चले लात-घूंसे! जानिए किस बात पर मच गया बवाल
यह भी पढ़ें : CM मोहन का बेंगलुरु दौरा! MP के गौहरगंज में बनेंगे वंदे भारत-मेट्रो ट्रेन के कोच, BEML में मिली हरी झंडी
यह भी पढ़ें : Sai Cabinet: "मुख्यमंत्री शिक्षा गुणवत्ता अभियान" से लेकर औद्योगिक विकास नीति तक साय सरकार ने लिए अहम फैसले